अच्छी खबर : NTPC ने किया बाढ़ प्लांट के स्टेज-1 की 660 मेगावाट के पहली इकाई का ट्रायल-रन सफलतापूर्वक पूरा, इससे बिहार को शीघ्र मिलेगी 330 मेगावाट बिजली

पिछले महीने बिजली के काफी किल्लत को झेलते हुए सामान्य से प्रति यूनिट चार गुना अधिक रुपये देकर बिजली खरीदने वाले बिहार के लिए राहत की बात है। करीब 15 वर्ष से भी ज्यादा समय से रुकी बाढ़ एनटीपीसी की स्टेज-1 की प्रथम यूनिट का ट्रायल रन बीते शनिवार को पूरा कर लिया गया है। इस अवसर पर इंजिनिनेर्स केक काट कर जश्न मानाते दिखें। अब त्योहारों के सीजन में ही बिहार को 660 मेगावाट की इस यूनिट से 330 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। एनटीपीसी की इस इकाई के चालू होने से देश में एनटीपीसी की समेकित क्षमता 70600 मेगावाट हो गई है।

रूस से अग्रीमेंट खत्म होते ही कोरियाई कंपनी के साथ हुआ करार एनटीपीसी स्टेज-1 में कुल तीन इकाइयां हैं। चरण-1 की दो और इकाइयां छह-छह महीने के अंतराल पर अस्तित्व में आएंगी। इन दोनों इकाइयों की क्षमता 660-660 मेगावाट है। स्टेज-1 की पहली इकाई, जो पूरी हो चुकी है, पहले रूस के सहयोग से बनाई जा रही थी। बाद में रूस के साथ समझौता समाप्त कर दिया गया। इसके बाद एनटीपीसी ने एक कोरियाई कंपनी के साथ करार कर इस यूनिट का काम सम्पन्न किया। मालूम हो कि एनटीपीसी इसे एक बड़ी उपलब्धि मान रही है। इसके निर्माण पर करीब 6000 करोड़ रुपये लगाए गए हैं। स्टेज -2 इकाई जो वर्तमान में अधिक तेल में है, वह भी अगले महीने के अंत तक चालू हो जाएगी।

बरौनी और औरंगाबाद से भी प्राप्त होगी बिजली बतातें चले कि बाढ़ के चरण-1 की पहली यूनिट के अलावा बरौनी एनटीपीसी की यूनिट-9 भी वाणिज्यि‍क उत्पादन के लिए बनाई गई है। इससे बिहार हो 250 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी। मालूम हो कि आने वाले महीने से इस यूनिट से बिजली मिलने लगेगी। साथ ही औरंगाबाद के नवीनगर में रेलवे के सहायता से बनी एनटीपीसी की यूनिट भी वाणिज्यि‍क उत्पादन हेतु उपलब्ध है। इसका भी ट्रायल रन समाप्त हो चुका है। इस यूनिट की क्षमता की बात करें तो 250 मेगावाट की है। करार के मुताबिक बिहार को इस यूनिट से 25 यूनिट बिजली दी जाएगी है।

एनटीपीसी से 605 मेगावाट आपूर्ति में बढ़ोतरी आने वाले महीने में बिहार में एनटीपीसी से 605 मेगावाट बिजली आपूर्ति बढ़ेगी। बिहार को बाढ़ की स्टेज-1 इकाई की 50 प्रतिशत यानी 330 मेगावाट बिजली मिलेगी। बरौनी की यूनिट-9 से 250 तथा नवीननगर के रेलवे के सहायत से निर्मित इकाई से 25 मेगावाट बिजली। गर्मियों में बिहार की मांग 5600 से 5700 मेगावाट तक होती है। ठंड के मौसम में अब यह कम है।