उत्तर बिहार का लाइफलाइन रेल सह सड़क पुल राजेन्द्र सेतु के सड़क मार्ग की मरम्मत के लिए 80 करोड़ रुपये का आवंटन,राज्यसभा में सांसद ने उठाया मुद्दा

न्यूज डेस्क : आजादी के बाद बिहार के विकास में वरदान साबित होने वाले पुल राजेन्द्र सेतु के दिन बहुरने वाले हैं। हालांकि यह अब जर्जर होने के कगार पर पहुंच चुका है। यह बात और है कि बीते पांच दशकों में इसके मरम्मती के लिए कई बार फंड अलॉट हुए काम हुए और फिर कुछ समय अंतराल के बाद भी स्थिति जस की तस ही रहती है। सांसद राकेश सिन्हा ने सोमवार को राज्यसभा में उत्तर एवं दक्षिण बिहार को जोड़ने कले रेल सह सड़क राजेंद्र पुल पर भारी वाहनों, बस ट्रक सहित अन्य वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने से बेगूसराय सहित आसपास जिले के लोगों के आवागमन की समस्या को देखते हुए मामला को उठाया।

उन्होंने कहा कि यह उत्तर और दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन है। विगत कई वर्षों से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने मंत्रालय से पूछा किस कंपनी को राजमार्ग मंत्रालय ने कार्य सौंपा है और इसकी समय सीमा क्या है। इसी के बाद पुल के मररमती की बात मंत्रालय की ओर से बताई गई । बताते चलें कि उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाले अतिप्राचीन पुलों में एक राजेंद्र पुल के जीर्णोद्धार के लिए रेलवे द्वारा अनुमानित राशि 80.01 करोड़ रुपये का आवंटन एनएचएआइ ने कर दिया है। उक्त जानकारी सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में सांसद राकेश सिन्हा के प्रश्न के उत्तर में दी। मंत्रालय ने उत्तर दिया कि यह रेल सह सड़क पुल है, इसीलिए इसकी मरम्मत कार्य की जिम्मेवारी मध्य पूर्व रेलवे की है। रेलवे द्वारा निर्धारित समय में इस कार्य को पूरा करने का आश्वासन दिया गया।

सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रेलवे द्वारा अनुमानित राशि 80.01 करोड़ रुपये का आवंटन एनएचएआइ के द्वारा किया है। वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष शंभू कुमार ने कहा कि राजेंद्र पुल जीवन रेखा है। इसके बंद रहने से आम लोग के साथ-साथ स्थानीय व्यवसायियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह पूर्व विधायक श्रीकृष्ण सिंह, संजीव सिंह ने राज्यसभा सांसद के प्रति आभार जताया है।