नीतीश सरकार के पास नहीं है बिहार नियोजित शिक्षकों के कागजात, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

डेस्क : बिहार में कई नियोजित शिक्षक पढ़ा रहे हैं लेकिन बिहार सरकार के पास इन नियोजित शिक्षकों की कोई जानकारी मौजूद नहीं है। ऐसे में जानकारी रखने वाला फोल्डर ही गायब है। यह पिछले दो-तीन महीने से नहीं बल्कि 5 सालों से गायब है। इसकी जानकारी बिहार सरकार को नहीं है। सरकार के राज्य में कौन सा शिक्षक किस स्तर की पढ़ाई करके बिहार के बच्चों को पढ़ा रहा है इसका कोई अता पता नहीं है। जब पटना हाईकोर्ट ने फटकार लगाई तो शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है और अब वह नियोजित शिक्षकों की जानकारी खोजने में लगा है।

पूरे बिहार में एक लाख से ऊपर नियोजित शिक्षक हैं लेकिन इन सभी के बारे में कोई भी जानकारी मौजूद नहीं है। इसके चलते पटना हाईकोर्ट को मजबूती के साथ पेश आना पड़ रहा है और जो भी अधिकारी शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं उन सभी को अब यह जानकारी जुटाने का प्रथम कार्य मिला है की वह जानकारी बटोरें। पटना हाई कोर्ट ने सरकार को 23 दिसंबर तक का समय दिया है साथ ही 2 जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है जिसमें पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार मौजूद है। इसीके साथ फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है।

याचिकाकर्ता के अनुसार कोर्ट के पास यह जानकारी पहुंची है कि जितने भी बड़े स्तर के सरकारी स्कूल है उन सभी मैं फर्जी डिग्री के माध्यम से फर्जी शिक्षक नियोजित किए गए हैं और यह सब कई समय से नौकरी कर रहे हैं लेकिन आज तक उनकी जानकारी का कोई फोल्डर उपलब्ध नहीं है ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2021 को होगी। यह सभी शिक्षक 2006 से कार्यरत हैं। कुल शिक्षक इस वक्त 3 लाख 65 हजार हैं।