नीतीश कुमार ने शुरू किया चुनावी वादों पर अमल करना, कैबिनेट की हर बैठक में नौकरी को प्राथमिकता, नए पदों का सृजन

डेस्क : विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav 2020) के दौरान बिहार में रोजगार (Bihar me Rojgar) का मुद्दा छाया हुआ था।इसी मुद्दे पर सभी दलों ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लड़ा तो निश्चय ही ये कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा। राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान अलग- अलग दावे किए जा रहे थे।

अब जब नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) के नेतृत्व में बिहार में सरकार (Bihar Govt.) बन चुकी हैं तो बिहार में नौकरी (Bihar me Naukri) की बात ने फिर से सिर उठा लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में कुल 205 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई थी।उसमें कई सब जज न्यायालय के लिए विभिन्न कोटि के 128 अराजपत्रित कर्मियों के पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई थी।

वहीं, इसके बाद अगले कैबिनेट की बैठक में गया जिले के शेरघाटी अनुमंडल के डोभी थाना के ग्राम बहेरा में ओपी का सृजन और उसके संचालन के लिए कुल 32 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई थी। इसी कैबिनेट में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अधीन आईटी मैनेजर के एक पद को स्वीकृति दी गई थी।

मालूम हो कि पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को रोजगार देने का फैसला लिया गया है।अगले पांच साल में ये रोजगार दिया जाएगा। दूसरी कैबिनेट बैठक में 250 पदों के लिए स्वीकृति दी गई वहीं तीसरी में 32, चौथी में 44 और बीते मंगलवार को हुई पांचवीं में 169 पदों को स्वीकृति बिहार सरकार की ओर से की दी गई है।

एक बार फिर बीते मंगलवार को कैबिनेट बैठक में 14 विभागों में गैर शैक्षणिक कर्मियों के कुल 26 पदों के सृजन के संबंध में स्वीकृति दी गई है। वहीं, क्षेत्रीय जिला अभियोजन कार्यालयों एवं अनुमंडल अभियोजन कार्यालयों के लिए विभिन्न कोटि के कुल 143 अतिरिक्त पदों के सृजन एवं पुनर्गठन की मंजूरी दी गई है। इसी बैठक में होमगार्ड जवानों को ग्रेड पे 2000-2400 और 2800 के ग्रेड पे का लाभ देने का फैसला हुआ।