गलतफहमी में बनी नीतीश सरकार ने मुसीबत में आम जनता से तोड़ लिया नाता : अनिल कुमार

पटना, 27 अप्रैल 2020 : बिहार में गहराते कोरोना संकट और दूसरे प्रदेशों में फंसे राज्‍य के छात्र, मजदूर और युवाओं के सवाल पर जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अनिल कुमार ने नीतीश सरकार को घेरा। उन्‍होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बिहार की 13 करोड़ जनता आज त्राहिमाम संदेश दे रहे हैं। देश भर में विभिन्‍न जगहों पर मजदूर तो फंसे ही हैं, साथ ही कोटा, विजयवाड़ा  जैसे अन्‍य जगहों पर पढ़ाई को गए बच्‍चे भी परेशान हैं। हमें सूचना मिली है कि वे बच्‍चे बार – बार नीतीश कुमार से गुहार लगाकर जब थक गए, तब वे अनशन पर बैठ गए हैं। लेकिन एक हमारे राज्‍य की सरकार है कि उन्‍हें बिहार के बच्‍चों से कोई हमदर्दी भी नहीं है।

अनिल कुमार ने कहा कि बिहार की सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जिसे राज्‍य लोगों और बच्‍चों से कोई संवेदना नहीं है। उन बच्‍चों के दुख दर्द को समझ नहीं पा रही है हमारी सरकार। मुख्‍यमंत्री जी से मैं पूछना चाहता हूं कि अगर आपका बच्‍चा कोटा – मुंबई में फंसा रहता, क्‍या तब भी आप यही कहते है कि आपके पास न आये। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में वीआईपी सरकार चल रही है, जिसके लिए लॉकडाउन के नियम कोई मायने नहीं रखते और सरकार के विधायक के बेटे को दूसरे प्रदेश से वापस लाने को पास बन जाता है। मैं प्रदेश की सरकार से पूछना चाहता हूं कि आखिर आप प्रदेश के आम बच्‍चों से भेदभाव क्‍यों कर रहे हैं?  जब मध्‍य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की सरकारें अपने बच्‍चों को कोटा जैसे जगहों से वापस ला सकती है तो बिहार क्‍यों नहीं ?

उन्‍होंने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्‍य सरकार बिहार के बच्‍चों से भेदभाव बंद करे और बच्‍चों को घर लाने का इंतजाम करे। इस दौरान वे बच्‍चों की स्‍क्रीनिंग करे और कोई संदिग्‍ध हो तो उसके किसी सुरक्षित जगहों पर कोरंटीन करें और बाद में उन्‍हें घर भेजें। इसमें लॉकडाउन कहां टूट रहा है। उन्‍होंने राज्‍य सरकार की स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में विफलता पर भी हमला बोला और कहा कि राज्‍य में राम भरोसे सरकार चल रही है, जो पूरी तरह से आइसोलेशन में है। इनके पास बस झूठे आंकड़ा दिखाकर जनता को बरगलाने का काम रह गया है। उन्‍होंने राज्‍य के आपदा प्रबंधन को भी सरकार के लूट का जरिया बताया और कहा कि प्रदेश की सरकार इतनी निकम्‍मी है कि वह जनता को बलि चढ़ाने से भी गुरेज नहीं करेगी।