सरकार बताए कैसे घटे शराबबंदी के मामलों का बोझ : पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने राज्य की अदालतों में शराबबंदी से जुड़े मामलों के लगातार बढ़ते बोझ पर चिंता जाहिर करते हुए सख्ती दिखाई है और कहा है कि बहुत समय दे दिया। मुकदमों का अनावश्यक बोझ कोर्ट अब बर्दाश्त नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा है कि 24 घंटे में मुख्य सचिव से पूछकर सारी बातें बताएं।

बिहार में शराब पीने और अवैध शराब बेचने के मामले में सिर्फ़ पटना हाईकोर्ट में ही ज़मानत की 40 हज़ार याचिकाएं लंबित हैं. बिहार की अदालतों में शराब से जुड़े क़रीब 2 लाख मामले चल रहे हैं. पटना हाईकोर्ट इस मामले में बिहार सरकार से नाराज़ है । अदालत का कहना है कि अदालतों में पहले से ही करोड़ों मामले लंबित हैं, उस पर शराब के मामलों ने अदालतों पर बोझ बढ़ा दिया है ।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि शराब से जुड़े मुकदमों की सुनवाई और निपटारे के लिए उसने क्या इंतजाम किये हैं । जस्टिस संजय करोल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने बिहार सरकार को इस मामले में शुक्रवार यानि आज ही एक जवाब दाख़िल करने को कहा है ।

अदालत ने आशंका ज़ाहिर की है कि पुलिस शराब के मामले में बेमतलब भी मुकदमे दायर कर रही है. शराब से जुड़े 90 प्रतिशत मामलों में सुनवाई के दौरान ज़मानत मिल रही है. अदालत ने बिहार सरकार की तरफ से पेश वकील ललित किशोर से पूछा कि बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के कितने मामलों को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी ।

बिहार में शराब से जुड़े मामलों में 1 लाख 67 हज़ार लोगों को ग़िरफ़्तार किया है । पुलिस ने क़रीब 52 लाख लीटर शराब भी पकड़ी है । पुलिस और आबकारी विभाग ने पूरे राज्य में क़रीब 6 लाख जगहों पर छापेमारी की है ।