अंतिम बार जब रामविलास पासवान राज्यसभा के नॉमिनेशन में जा रहे तो सीएम नीतीश के व्यवहार से चिराग हुए थे दुखी

डेस्क : लोजपा के भीतर सियासी उठापटक जारी है। राजनीतिक पंडित इसे जदयू की कारगुजारी बता रहे हैं। तो कुछ लोग पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपतिनाथ पारस की राजनीतिक पद की अभिलाषा से जोड़ रहे हैं। बहरहाल कारण जो भी हो लोजपा दो फांक में बंट चुकी है। चाचा पारस और भतीजा चिराग पासवान के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। लेकिन इस बीच चिराग पासवान ने सीएम नीतीश के व्यवहार को लेकर खुलासा किया है।

वो वाकई चौकाने वाले हैं। क्योंकि अंतिम बार जब रामविलास पासवान राज्यसभा सीट पर नॉमिनेशन करवाने जा रहे थे , उस वक्त ऐन मौके पर नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी जताकर रामविलास पासवान को अपमान की घूंट पीने पर विवश कर दिया था । इस घटना को जमुई के सांसद चिराग पासवान ने ऑन कैमरा बताई है। उन्होंने कहा कि जब 2019 का लोकसभा चुनाव था उस समय एनडीए के बैठक में बिहार के 40 लोकसभा सीट पर शेयरिंग हो गया था । जिसमें 17 बीजेपी , 17 जदयू और लोजपा को छः लोकसभा सीट और पहली एक राज्यसभा सीट की बात पर सभी घटक दलों की सहमति बनी थी । चिराग पासवान ने बताया कि इसी सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर पापा का नॉमिनेशन होना था।

नामांकन की अंतिम तारीख थी। हमलोग नॉमिनेशन के लिए निकल चुके थे । ऐन वक्त पापा पर एक फोन कॉल आया कि सीएम नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं। हमलोग फ़्लाइट से उतरते ही सीएम आवाज पहुंचे । पापा नीतीश जी से लगातार बातें कर रहे थे। उन्होंने किसी भी बात का हाँ ना में कोई जबाब नहीं दिया ।मैं सबकुछ देख रहा था । कोई भी बेटा अपने पिता के साथ इस प्रकार का व्यवहार देख कर दुखी होगा । ये नीतीश जी की कोई पहली और आखिरी नहीं थी। उन्होंने कई मौके पर पापा के साथ अपनी अदावत दिखाई । हालांकि वे उस दिन नॉमिनेशन में पहुचें थे ।लेकिन बहुत देर हमलोगों को विधानसभा में इंतजार करना पड़ा था।