बिहार में भी अब कोरोना संक्रमित शव के अंतिम संस्कार में परिजनों को करना पर रहा घण्टों इंतजार

न्यूज डेस्क : बिहार के शवदाह गृह में भी अब कोरोना संक्रमित शवों को अंतिम संस्कार में काफी समय लग रहा है। परिजन सुबह से शाम तक अपनी बारी के इंतजार में गुजार रहे हैं। बता दें कि पटना में कोरोना संक्रमितों के मरने के बाद उनके शव को विद्युत शवदाह गृह में जलाया जा रहा है।

बुधवार को पटना के बांस घाट में शाम सात बजे तक 10 कोरोना से की डेड बॉडी को जलाया गया। प्रत्येक डेड बॉडी को जलाने में करीब एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। वहीं गुलाबी घाट के विद्युत शवदाह गृह में भी संक्रमित शव को जलाने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू कर दी गई। गुलाबी घाट पर पहले दिन शाम पांच बजे तक आठ शवों को जलाया गया। बताते चलें कि अभी तक पूरा लोड पटना के बांस घाट पर ही था। बांस घाट पर 12 अप्रैल को 24 शव और 13 अप्रैल को 32 शव को जलाया गया। डेड बॉडी की लंबी कतार को देखते हुए नगर निगम और जिला प्रशासन ने 14 अप्रैल को गुलबी घाट की एक बंद पड़ी मशीन को चालू कर दिया ।

देश भर में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच बिहार में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर बिहार में मरने बालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। पटना में कोरोना से संक्रमित शवों को विद्युत शवदाह गृह में ही जलाना है। इसके लिए राजधानी पटना के बांस घाट, गुलबी घाट और खजेकला घाट के विद्युत शवदाह गृह को दुरुस्त किया जा रहा हैं। अभी तक सिर्फ पटना के बांस घाट में संक्रमित शवों को जलाया जा रहा था। जिससे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता था। बताते चलें कि लकड़ी पर संक्रमित शव को नहीं जलाया जाना हैं। वहीं गरीब परिवार के ऐसे मृतक जो संक्रमित नहीं हैं उनके शवों को भी विद्युत शवदाह गृह में ही जलाना पड़ रहा है। इससे लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।