बिहार में बढ़ेंगे रोजगार के सृजन, नीतीश सरकार ने टाटा से किया करार, जानिए- क्या है पूरी तैयारी..

डेस्क: बिहार में बेरोजगारी राज्य के पीछे रह जाने की एक बड़ी वजह है। सेन्टर फ़ॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राज्य में बेरोजगारी का औसत राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज्यादा है। जो कि लॉक डाउन के बाद से और भी बढ़ी है, ऐसी स्थिति को देखते हुए बिहार के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए नीतीश सरकार ने टाटा टेक्नोलॉजी के साथ करार किया है। जिस से हर साल हज़ारो युवाओ को नौकरी मिलेगी।

6 नए रोजगारपरक कोर्स शुरू किए जाएंगे ITI में इस करार के अंतर्गत राज्य सरकार ITI को सेन्टर ऑफ एक्ससलेंस बनाएगा। और ITI में नए 6 कोर्स शुरू किए जाएंगे। अगले साल इसकी शुरुआत होगी जो कि नए एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। ये सारे कोर्स रोजगार पर आधारित ही होंगे। जो कि आर्क वेल्डिंग, औद्योगिक रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आई ओटी, डिजिटल इंस्ट्रुमेंशन, मशीनिंग व विनिर्माण अडवाइजर,आई टी एवम डिज़ाइन शामिल है। छात्रों को मशीन लर्निंग इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ग्राफिक डिज़ाइन आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा । ऑनलाइन ट्रैनिंग के साथ फिजिकल ट्रेनिंग भी छात्रों को दी जा सकेगी।

ITI के कोर्स बनाती है आत्मनिर्भर, सरकारी नौकरी के अलावे अन्य कई क्षेत्रों में भी मिल सकती है नौकरी ITI में सामान्यतः 10 वी पास युवा दाखिला ले सकते हैं। यज रोजगार बेस्ड कोर्स ही है। इसलिए सरकारी ITI कॉलेज में हर साल एडमिशन संयुक्त परीक्षा लेकर लिया जाता है।बिहार राज्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद यह परीक्षा आयोजित करता है। पढ़ाई पूरा करने के बाद छात्रों को सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियां मिलती है। इसे करने के बाद ज्यादातर युवा रेलवे या इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में नौकरी करते है। अगर कोई सरकारी नौकरी न करना चाहे तो वह अपना कामकाम भी शुरू कर सकता है।क्योंकि यह कोर्स आत्मनिर्भर बनाने में काफी मदद करता है साथ ही आने वाले वर्षों में कई सारे कारखाने व प्लांट शुरू होने की योजना बिहार में है। जिस से ITI के इन कोर्स को करने वाले छात्रों को नौकरी प्राथमिकता के आधार पर मिल जाएगी।