नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, बिहार में कई बड़े अधिकारियों की बदली जिम्मेदारी

न्यूज डेस्क : बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में महत्वपूर्ण फैसले पर मुहर लगी। खासकर, सरकार ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर यानी BDO और डीडीसी के अधिकारों में कटौती की है। कार्यपालक अधिकारी, पंचायती राज अधिकारी या फिर उप सचिव स्तर के अधिकारियों को अतिरिक्त पावर दिए गए है। बता दे की सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। इसको लेकर पंचायती राज अधिनियम, 2006 में संशोधन विधेयक अब विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा।

जानिए, आखिर नियम में क्यों बदलाव हुए: बता दे की अब से प्रदेश में उप विकास आयुक्त DDC जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नहीं रहेंगे वहीं, ब्लॉक विकास अधिकारी BDO पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी से मुक्त होंगे। अब जिला परिषद के लिए DDC की जगह बिहार प्रशासनिक सेवा के नए अधिकारी पोस्टेड किए जाएंगे। जबकि बीडीओ की जगह ब्लॉक के पंचायती राज अधिकारी को कार्यपालक अधिकारी बनाया जाएगा।

कैबिनेट में यह फैसला लिया गया : बता दें कि जिन-जिन विभाग से जिलों और ब्लॉकों से लगातार शिकायतें आती रही थीं कि डीडीसी और बीडीओ पंचायत के काम पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। वहीं कई जिम्मेदारियां उन अधिकारियों पर है। इसके कारण जिला परिषद और पंचायत का काम प्रभावित हो रहा है। बता दें कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी ही जिला परिषद के सभी कर्मियों के नियंत्रण अधिकारी होते हैं। जिला परिषद द्वारा जो भी प्रस्ताव पारित किए जाते हैं। उन सभी कामों का कराना और पूरा करने की जवाबदेही उनकी ही तय होती है। वहीं ब्लॉक स्तरीय समिति के सभी कर्मियों पर पंचायत समिति के कार्यकारी अधिकारी का कंट्रोल होता है।

जानिए, यह नियम कब लागू होगा: आपको बता दें कि मॉनसून सत्र में विधानमंडल से अधिनियम में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद ही गवर्नर से इस पर सहमति ली जाएगी। गवर्नर की सहमति के बाद यह कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा। इसके बाद डDDC की जगह नए अधिकारियों को पोस्टेड किया जाएगा।वहीं, आदेश जारी कर BDO को पंचायत समिति के कामों से मुक्त कर दिया जाएगा।उनकी जगह ब्लॉक के पंचायत राज अधिकारी यह काम देंखेंगे।