अब घटेगी दक्षिण और उत्तर बिहार की दूरी -2024 तक बनकर तैयार होगा बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल..

डेस्क : गंगा नदी पर बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल ( Bakhtiyarpur Tajpur Four Lane Bridge) के बन जाने पर दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार आवागमन कम से कम 60 किमी की दूरी कम होगी। इससे लाखों लोगों को फायदा होगा। इसके निर्माण कार्य को 2024 तक पुरा कर लिए जाने की उम्मीद है। पथ निर्माण एजेंसी और बैंक के बीच हुए समझौते के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

जिसकी आगामी सुनवाई 29 जुलाई को होगी। वहीं इस परियोजना को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए राज्य मंत्री परिषद ने 935 करोड़ रुपये देने का फैसला लिया। बैंक और पथ निर्माण एजेंसी के बीच मामला सुलझने के बाद बरसात के बीत जाने के बात निर्माण कार्य को शुरू कर दिया जाएगा। इस पुल का निर्माण कार्य साल 2011 में शुरू किया गया था। उस समय करीब 1602.74 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया था। इस पुल का निर्माण कार्य 2016 में ही पूरे कर देने थे लेकिन कई समस्या के कारण समय आगे बढ़ता गया। अब अनुमानित राशि वृद्धि के साथ 2875 करोड़ रुपये है। पुल की लंबाई की बात करें तो करीब 5.5 किमी और एप्रोच रोड की लंबाई 45.39 किमी है।

निर्माण एजेंसी आर्थिक तंगी के चपेट में : इस पुल निर्माण में पथ निर्माण एजेंसी की आर्थिक स्तिथि चरमरा गई थी। साथ ही बैंक ने भी आर्थिक सहायता से इंकार कर दिया। जिसके बाद पथ निर्माण विभाग की रिवाइवल पॉलिसी के अंतर्गत परियोजना पर काम करने का फैसला लिया गया। बतादें कि इस पुल के शेष कार्य को सम्पूर्ण रूप देने के लिए 1187 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी। इसमें राज्य सरकार ने करीब 935 करोड़ रुपये की सहायता करने का फैसला किया है।

इन क्षेत्रों के बीच 60 किमी कम हो जायेगी : इस पुल के निर्माण से लाखों लोग लाभांवित होंगे। इसके निर्माण के बाद नवादा, मुंगेर और नालंदा जैसे जिलों से आने वाले वाहनों को उत्तर बिहार के यात्रा के लिए पटना होकर नहीं जाना पड़ेगा। इसके बाद उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के दूरी में करी 60 किमी कम हो जाएगी। इस में वाहन चालकों के समय से लेकर पेट्रोल – डीजल तक में बचत होगी। इसके अलावा जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर वाहनों का भार कम होगा।