कोरोना काल के बीच नई सरकार के गठन से रोजगार और रोजी रोटी की उम्मीदें बढ़ीं, अब नजर पंचायती चुनाव पर

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब बारी है पंचायती चुनाव के महासंग्राम की। जैसा कि हम जानते हैं विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक समय सीमा के भीतर पूरे हो चुके हैं और अब इसके बाद पंचायती चुनाव की तैयारी चालू हो गई है। पिछली बार यह पंचायत के चुनाव 2016 में करवाए गए थे और अगला पंचायती चुनाव 2021 को होना है।

बिहार में पंचायत व्यवस्था त्रिस्तरीय है। व्यवस्था के अंदर 2.50 लाख पद है जहां पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने मतदान का इस्तेमाल करेंगे। आपको बता दें कि यह चुनाव सबसे निचले स्तर का चुनाव होता है जिसकी तैयारियां 6 महीने पहले चालू की जाती है। यह पंचायती चुनाव मई- जून 2021 में होंगे। बताया जा रहा है कि महा छठ पर्व खत्म होते ही इसकी तैयारियां चालू की जाएगी। हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनाव में विजेता बनीं जन लोकतांत्रिक दल का इस बार युवाओं के रोजगार और रोजी-रोटी का मुद्दा अहम है। ऐसे में जन लोकतांत्रिक दल के साथ अन्य पार्टियां जैसे भाजपा, हम, जेडीयू और वीआईपी भी शामिल है।

सभी पार्टियों का कहना है कि वह अब बिहार राज्य में सिर्फ विकास के मुद्दे से काम करेंगे। इस बार हर जुबां पर नई सरकार का चर्चा सुनने को मिल रहा है। राज्य के लोगों को बेहद ज्यादा उम्मीदें हैं ऐसे में अगर लोगों की चर्चाओं पर गौर फरमाएं तो कुछ इस तरह की बातें सुनने को मिलती है कि इस बार नीतीश सरकार क्या अपने सभी वादे पूरे कर पाएगी ? तो कहीं लोग कहते नजर आते हैं कि यह सारे लक्ष्य इस बार सरकार पूरी भी करेगी और एक सकारात्मक संदेश भी जनता तक पहुंच जाएगी। इस बार की सरकार आई है लोगों को नए रोजगार देने के लिए और व्यवस्था को टाइट करने के लिए ऐसे में आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा भी काफी कुछ नया ला सकती है। जिसमें रोजगार के बजाय आज का युवा अपने उद्योग लगा सकेगा और दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगा।