साध्वी प्रज्ञा के बयान पर छिड़ा बवाल, मांझी बोले हमें न समझाओ कौन ब्राह्मण है और कौन शूद्र

डेस्क : भारतीय जनता पार्टी की नेता एवं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर से अपने विवादित बयान के चक्कर में राजनीतिक घेरे में आ गई हैं जिसमें वह कहती नजर आई है कि ब्राह्मण को ब्राह्मण बोलने में कोई परहेज नहीं होता, क्षत्रिय को क्षत्रिय बोलने में कोई परहेज नहीं होता, वैश्य को वैश्य बोलने में कोई परहेज नहीं होता तो शुद्र को शुद्र बोलने में क्यों परहेज होता है। इस बात पर नाराज होकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आपत्ति दिखाई है। उनका कहना है कि वह हमको शूद्र और ब्राह्मण का मतलब ना समझाएं यह वह बखूबी समझते हैं।

पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कहना है कि वह अपना बड़बोला अंदाज बंद करें और जेपी नड्डा द्वारा दरख्वास्त की है कि कृपया कर आप अपनी सांसद को समझाएं कि वह इस तरह जातीय विवाद ना खड़ा करें अब प्रज्ञा ठाकुर हमें नहीं बताएं कि कौन शूद्र है और कौन आतंकवादी है। इस बयान से उनको पूरे दलित समाज के आगे माफी मांगने होगी वह शुरू से ही दलितों का अपमान करती आई है।

इसके जवाब में बिहार की मौजूद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मसला प्रज्ञा ठाकुर का निजी हो सकता है। वह किसी पर अंकुश नहीं लगा रही हैं साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सभी लोगों को एक समान नजरों में देखते हैं उसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि वह ऊंच-नीच की भावना या जातिवाद की भावना लाना चाहते हैं।

हाल ही में हुए बंगाल में आपराधिक घटनाओं पर भी उन्होंने जो बयान दिया था उसमें वह कहती नजर आयीं थी की ममता दीदी अपनी सरकार को गिरता देख बौखला गईं हैं। साथ ही कुछ वर्ष पहले उन्होंने महात्मा गांधी के कातिल नाथूराम गोडसे पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह देश भक्त है इस बात पर उनको पूरे संसद सदन से माफी मांगनी पड़ी थी और वह आखिर में यह कहती नजर आई थी कि निजी तौर पर मैं नाथूराम गोडसे को देशभक्त मानती हूं।