बिहार के लाल ने मज़दूरी कर इंडियन आर्मी में हासिल किया लेफ्टिनेंट का पद, बचपन से किसानी…

डेस्क : बिहार का युवा वर्ग शिक्षा की राह में काफी आगे बढ़ गया है। बाल बांका तिवारी नाम के युवा ने यह साबित कर दिया है की वह किसी से कम नहीं है। बिहार का जिला भोजपुर ने भारत देश को एक से एक नौजवान सैनिक दिए हैं। भोजपुर जिले के मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सुंदरपुर बरजा गांव का यह निवासी है। ख़ास बात यह है की इसने अपनी जिंदगी में फैक्ट्री में मजदूरी की और अब आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गया है। बाल बांका तिवारी ने संघर्ष कर एक ऐसे सपने को सच कर दिखाया है जिसको लोग कल्पना करते रह जाते हैं।

जैसे ही बालबांका के घर में यह खबर पहुंची की उनका लाल आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गया है तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। बालबांका के पिता का नाम शंकर तिवारी है और उनका कहना है की हमारा लाल बहुत मेहनती है। बालबांका फैक्ट्री में मजदूरी भी कर चुका है और फीस की कमी के कारण बच्चों को टूशन भी पढ़ा चुका है। बालबांका के पिता ने बताया की किसानी करते वक्त उनको हमेशा से यह डर सताता था की कहीं पैसों की कमी न हो जाए जिस कारण बालबांका ने अन्य कार्य भी मेहनत से करे।

जब बालबांका ने मेट्रिक की परीक्षा दी थी तो उनके पिताजी ओडिशा में काम करने चले गए थे। लेकिन वह उस वक्त नमकीन की फैक्ट्री में काम करते थे। वह वक्त जैसे तैसे गुजर गया। यह घटना 2008 की है और इसके बाद जब 2012 आया तो आर्मी की भर्ती निकली जिसमें बालबांका सेलेक्ट हो गए। उनकी पोस्टिंग भोपाल में हुई और उन्होंने अपने 4 साल यहीं गुजारे। इसके बाद उन्होंने IMA का टेस्ट क्वालीफाई किया और सीधा आर्मी के अफसर रैंक पर आ गए।

इस वक्त उनकी उम्र 28 वर्ष है और वह भोजपुर जिले के साथ पूरे बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं। बालबांका के घरवालों का कहना है की वह बचपन से ही मेहनती और पढ़ने में तेज़ था। हम सब को उस पर बहुत गर्व है।