पीएमसीएच में खून और पेशाब जैसी महत्वपूर्ण जांच इस वक्त बंद, मरीजों को करनी पड़ रही है मशक्क़त

डेस्क : बिहार के सबसे बड़ा अस्पताल पीएचसीएस में गंभीर बीमारियों की समस्याओं को डॉक्टरों ने देखना बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि खून और पेशाब की जांच को देखना बंद है। इस बारे में जब डॉक्टरों और नर्सों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास संसाधनों की कमी है, जिस कारण हम उपचार नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही कोरोनावायरस को लेकर जितने भी पेशेंट आएंगे उन सभी का इलाज किया जाएगा। दिन पर दिन लोग इकठ्ठा हो रहे हैं और उनके इलाज के लिए कुछ खास इंतजाम ना होने के कारण वह निराश होकर या तो अस्पताल के आसपास बैठ जाते हैं या अपने घर चले जाते हैं।

पीएमसीएच में मौजूद माइक्रोबायोलॉजी के अंतर्गत आने वाले भी सभी प्रक्रियाएं बंद है जिसके कारण टाइफाइड और दिमाग से जुड़ी समस्याओं, यूरीन कल्चर ,गले का दर्द ,कुष्ठ रोगी ,मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू एवं पानी से होने वाली बिमारियों की जांच रोजाना चल रही थी। लेकिन अब यह सारी जांच बंद हो चुकी है। यह सभी जांच इस तरह की है कि रोज ऐसी परेशानियां लेकर मरीज अस्पताल में आते हैं लेकिन बिना टेस्ट कराये वापस लौट जाते हैं।

हाल ही में हुई हड़ताल होने के बाद से यह जांच बंद है इस पर डॉक्टरों ने बताया कि यह सभी जांच अगर कोई करवाना चाहता है तो वह पैथोलॉजी की लैब में जाए लेकिन पैथोलॉजी की लैब में इतनी ज्यादा भीड़ है कि लोग वहाँ से भी वापस लौट जा रहे हैं ऐसे में कई मरीज दलालों के चक्कर में फस रहे हैं और अपने मेहनत से कमाए पैसे गवा रहे हैं।

सोचने वाली बात यह सामने निकल कर आई है कि एक ही लैब में अनेकों तरह की बीमारियों की जांच हो रही है जैसे कि माइक्रोबायोलॉजी लैब को बंद कर दिया गया है और इसकी जगह वायरोलॉजी लैब में काम चल रहा है ऐसे में अगर करोना कि जांच हो रही है और बाकी जांच बंद है तो फिर इस लैब में कोरोना के साथ-साथ डेंगू, H1N1, एचआईवी और हेपेटाइटिस जैसी घातक बीमारियों की जांच भी कैसे हो रही है बताया जा रहा है कि जैसे ही कोरोना का असर कम होगा तो सभी जाँचो को वापस चालू कर दिया जाएगा