बिहार चुनाव : किसी समय पर चलती थी गोलियां और गिरते थे बम, आज व्यवस्था है टाइट और सख्त हैं नियम

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव अब करीब आ गए हैं ऐसे में मात्र 3 दिन शेष बचे हैं पहले चरण के मतदान के लिए। परंतु जिस तरीके से अब सुचारू रूप से यह प्रक्रिया चलती है इस तरह से पहले नहीं चला करती थी। करीब दो दशक पहले एक समय ऐसा भी था जब चुनाव के दौरान हिंसा के अलावा कुछ और देखने को नहीं मिलता था। बूथों को तो बैठे बैठे लूट लिया जाता था और साथ ही गोलीबारी की घटनाएं होना आम बात थी।

इलाके के दबंगों का कहना था कि महिलाओं का वोट नहीं डालने दिया जाता था। आपको बता दें कि औरंगाबाद के सेवानिवृत्त शिक्षक ललन सिंह चुनाव आते ही एक ऐसा वाक़ेया बताते हैं जिसमें वह कहते हैं कि पहले मतदान करवाना बेहद ही कठिन कार्य होता था। कभी-कभी तो उनको जिला अधिकारी बनकर चुनाव करवाना पड़ता था। एक बार सब कुछ बेहतरीन तरीके से चल रहा था। करीब 800 लोग वोट डालने आए थे परंतु सिर्फ 280 के करीब ही वोट पड़े। उस समय पर दबे पिछड़े लोगों की तो क्या बात करें। महिलाओं को वोट नहीं देने दिया जाता था। कुछ बदमाश लोग हमेशा आ जाते और कहते कि महिलाओं का वोट हम ही दे देंगे। आसपास के घने पेड़ों के बीच में कुछ अपराधी घात लगाए बैठे होते थे। जो बमबारी करते थे साथ ही गोलियां भी चला दिया करते थे। इन हरकतों से पोलिंग बूथ पर मौजूद अफसर भी कांपने लग जाते थे।

परंतु अब ऐसा नहीं है अब माहौल बदल चुका है हर जगह क्लस्टर बना दिए गए हैं हर एक इलाके को सुविधा मुहैया करवाई जा रही है पहले सीधा बूथ पर ही जाना होता था। इसलिए लोगों को एक रात पहले वहां रहने के लिए जुगाड़ करना होता था। परंतु जब से इलाके में क्लस्टर की व्यवस्था हुई है तब से सुबह 7:00 बजे पोलिंग पार्टी यहां पर पहुंच जाती है इस कारण कोई असुविधा नहीं होती और ऐसे में लोग बढ़-चढ़कर मतदान प्रक्रिया में भाग लेते हैं।