वायरल सन्देश : कोरोना वायरस का खौफ पुरे विश्व में जारी है इसने बहोतो को अपने चपेट में ले लिया है। कोरोना से ही जुड़ी एक और बात सबके सामने आई है जो कि हैरान करने वाली है। धर्म एक ऐसी चीज है जो इंसान को इंसान बनाए रखने में मदद करती है। दुख में भी उसे प्रेरणा देती है। मगर यह धर्म तभी तक खूबसूरत चीज हो सकती है जब तक इस को मानने वाले लोगों के बीच कोई व्यक्ति ना आए, अगर बातें हिंदू -मुस्लिम की आती है तो लोगों के धर्म के मायने ही बदल जाते हैं और इंसान कब जानवर बन जाता है उसे खुद पता नहीं चलता। और इसका नतीजा पूरी मानवता को आतंकवाद के रूप में देखने को मिलता है।
अक्सर हम लोगों ने मौलवियों से कहते सुना है कि उनके अल्लाह ने धरती बनाई है धरती चपटी है हवा में उड़ ना जाए इसलिए इस पर पहाड़ रखे गए हैं, वगैरा-वगैरा, ऐसी ढेर सारी बातें हम लोगों को सुनने को मिलती है। लेकिन जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में आने की वजह से परेशान है उस वक्त काबा चर्च और यहां तक कि सिखों के धर्मस्थल श्री हरि मंदिर साहब को भी बंद कर दिया गया है। पूरी दुनिया की निगाहें इस वक्त वैज्ञानिकों पर टिकी हुई है। पवित्र जल अमृत जम-जम सभी तरह के पानी इस वक्त कोरोना वायरस से लोगों को बचा नहीं पा रहे हैं।
जो पादरी बड़ी- बड़ी स्टेजो पर एड्स जैसी बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं वह खुद इससे बचने के लिए मास्क लगाकर घूम रहे हैं। इसी को लेकर मुस्लिम फिलॉस्फर तस्लीम नसरीन ने अपने ट्विटर पर लिखा है, “अल्लाह का घर काबा बंद है. मस्जिदे बंद है. चर्च की सेवाएं स्थगित है. किसी भी प्रार्थना कक्ष में पूजा के लिए अधिक भीड़ नहीं. कोई भगवान हमारी मदद नहीं करेगा. वैज्ञानिक हमारी मदद करेंगे. हम वैक्सिंग का इंतजार कर रहे हैं. नास्तिक बनने के लिए सबसे अच्छा समय.”