निर्भया मामला…और जेल में परिवारवालों से मिलकर फूट-फूटकर रोने लगे दोषी

नई दिल्ली : जैसे-जैसे फांसी का वक्त नजदीक आ रहा है निर्भया के दोषियों की धड़कनें तेज हो गयीं है. दोषी अपने को बचाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. निर्भया के दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दी जायेगी . यानी अब मात्र एक दिन शेष हैं. फांसी से पहले निर्भया के तीन दोषियों से उनके परिवारवालों ने अंतिम मुलाकात की है. जानकारी के अनुसार दोषियों के परिजनों ने बंद कमरे में मुलाकात की. हालांकि एक और दोषी अक्षय के परिवारवाले अभी उससे मिलने नहीं पहुंचे हैं. अक्षय की पत्नी और उसके माता-पिता को मिलने के लिए जेल प्रशासन ने बुलाया है.

खबरों की मानें तो पवन गुप्ता और विनय शर्मा के परिवार वाले ने 29 फरवरी को मुलाकात की. इस दौरान वे एक-दूसरे से गले मिलकर भावुक हो गये. अपनी भावना को वे छिपा नहीं सके और फूट-फूटकर रोने लगे. वहीं, मुकेश सिंह से 2 मार्च को उसके परिजन मुलाकात करने पहुंचे. मुलाकात के दौरान मुकेश गुमसुम रहा लेकिन बीच-बीच में उसके परिजन अपनी आंखों के आंसू नहीं रोक सके.

कोर्ट ने तिहाड़ को भेजा नोटिस, सुनवाई आज : निर्भया केस में 20 मार्च को होने वाली फांसी को टालने के लिए चारों दोषियों ने बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट का रुख किया. चारों ने इस आधार पर फांसी की सजा रोकने की मांग की है कि अभी कई कानूनी आवेदन, अपील और दूसरी दया याचिका लंबित है. अदालत ने फांसी की सजा पर तामील किये जाने पर रोक लगाये जाने संबंधी चार दोषियों की याचिका पर तिहाड़ के अधिकारियों, पुलिस को नोटिस जारी किया है. कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा. वहीं सरकारी अभियोजक ने चार दोषियों के मृत्यु दंड की तामील पर रोक लगाये जाने के अनुरोध वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह विचारणीय नहीं है. उधर, मुकेश सिंह की उस याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है जिसमें उसने 16 दिसंबर, 2012 को अपराध के समय राष्ट्रीय राजधानी में नहीं होने का दावा किया है. इससे पहले एक निचली अदालत ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया था.

कल होनी है फांसी

निर्भया के दोषियों को शुक्रवार को सुबह पांच बजकर तीस मिनट(5:30) पर फांसी होनी है. कोर्ट इससे पहले भी इनके डेथ वारंट पर रोक लग चुकी है. देखना यह होगा कि क्या इस बार भी ये चारों दोषी कानूनी दांव-पेंच में उलझा कर डेथ वारंट पर रोक लगवा लेते हैं या उन्हें तय समय पर फांसी मिलेगी.