44 दिनों से बेगूसराय में फंसी है UP की बारात, पैसा खत्म होने पर दुल्हन ने किया कुछ ऐसा जानकर हैरान हो जाएंगे आप

डेस्क : लॉक डाउन होने की वजह से घर से बाहर अन्यत्र फंसे हुए सभी लोग परेशान है. जो लोग जहां हैं वहीं पर फंसे हुए हैं. ऐसी ही कहानी मार्च महीने में कानपुर से बिहार आनेबाली बारात की है, जो पिछले 44 दिनों बिहार के बेगूसराय जिले में लॉकडाउन के वजह से फंसी हुई है। दरअसल, कानपुर के चौबेपुर कस्बे से बिहार के बेगूसराय पहुंचने बाली इस बारात में दूल्हा समेत दस बारातीगन शामिल थे। 10 दिनों तक रखने के बाद मेजबान ने मेहमान के सामने हाथ खड़ा कर दिये,

बेगम ने शौहर को दी 2000 ₹ कि मदद राशि : नवविवाहित जोड़ा के बीच प्यार गहराने की प्रमाण जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे आपको बतायें लड़का के पास जब पैसे खत्म हो गए तो दुल्हन ने खुद अपने खाते से ₹2000 निकाल कर अपने शौहर को दिया. इतना ही नहीं दोनों पक्ष एक दूसरे की मदद कर रहे है. यह बारात 20 मार्च को ट्रेन से गई थी, 21 को शादी थी फिर 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद यातायात पूर्णतः ठप हो जाने के बाद अब रेल सेवा शुरू होने का इंतजार है. चौबेपुर के हकीम नगर मोहल्ले से महबूब खान के बेटे इम्तियाज का निकाह बेगूसराय के देहलिया फतेहपुर गांव की खुशबू खातून के साथ हुआ था। बारात में दूल्हा इम्तियाज, पिता महबूब, मां शरीना बेगम, दूल्हे के खालू जलील खान, बहनोई नदीम नाजिम, मासूम नुजन, बिचवानी रियाज अहमद, व पड़ोसी अकरम अब लॉक डाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

लड़की पक्ष 10 दिन बाद हाथ खड़े कर दिया : प्राप्त जानकारी के अनुसार लड़की के माता-पिता नहीं होने के कारण मामा हबीब ने शादी तय की थी. 10 दिन खाना खिलाने के बाद हाथ खड़े कर दिया. अब महबूब बरात का खर्चा उठा रहे हैं. चौबेपुर में बाराती वापसी के बाद घर में होने वाली दावते- वलीमा की तैयारी भी धरी की धरी रह गई. बरात में गए परिवार वाले के लोग लगातार एक दूसरे को फोन कर रहे हैं. दूल्हे के घर पर भी उसकी बहन आफरीन ने 2 बच्चे व रिश्तेदार नूरजहां, असरत के साथ है। अब इनके पास भी पेट भरने के लिए राशन नहीं बचा है और पड़ोसी भोजन दे रहा है। लॉक डाउन ने सभी का हाल बेहाल कर दिया है अब सब लोग अच्छे दिन आने का इंतजार कर रहे हैं।