बखरी डाकबंगला को संरक्षित करना ही श्रीबाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि

बेगूसराय बखरी : बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की 132वीं जन्मदिन समारोह को लेकर बखरी डाकबंगला को संरक्षित कर डा श्रीकृष्ण सिंह स्मृति संग्रहालय के रूप में विकसित करना ही श्रीबाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उक्त बातें डा श्रीकृष्ण सिंह स्मृति संग्रहालय बखरी के तत्वावधान तथा गढ़पुरा नमन सत्याग्रह गौरव यात्रा व श्रीकृष्ण चेतना मंच बेगूसराय द्वारा बखरी डाकबंगला परिसर में आयोजित महान विभूति बिहार केशरी व प्रथम मुख्यमंत्री डा श्रीकृष्ण सिंह के 132वीं जयंती समारोह पखवारा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्त्ता राजीव कुमार ने कही।

जन्मदिन विशेष- बिहार केशरी एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह

बखरी प्रखंड के उप प्रमुख अमित कुमार देव की अध्यक्षता व पार्षद व भाजयुमो के क्षेत्रीय प्रभारी नीरज नवीन के संचालन में आयोजित कार्यक्रम का विषय प्रवेश करते हुए पार्षद व भाजपा नेता सिधेश आर्य ने कहा कि आजादी के आन्दोलन समय में श्रीबाबू के स्मृति केन्द्र बखरी डाकबंगला के संरक्षण के लिए हरेक प्रकार प्रयत्न कर एड़ी चोटी एक करेंगे तथा इसे एक संग्रहालय का रूप दे आनेवाली पीढ़ी को बखरी का धरोहर समर्पित करेंगे।

बखरी के पूर्व विधायक रामविनोद पासवान ने कहा कि बखरी डाकबंगला श्रीबाबू के यादों का अविस्मरणीय धरोहर है जिसका संरक्षण कर संग्रहालय के साथ साथ जिला परिषद द्वारा निर्मित बाजार को श्रीकृष्ण काम्पलैक्स करने बात कही ताकि यह डाकबंगला अतिथियों के लिए दर्शनीय स्थल हो सकें।

कार्यक्रम को भाजपा जिला महामंत्री राजीव वर्मा, एबीभीपी के नगर अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, बखरी विकास क्लब के अध्यक्ष व शिक्षक कौशल किशोर क्रांति, सामाजिक कार्यकर्ता विकास वर्मा, प्रो आजाद सिंह राठौड़, सुशील सिंघानियाँ, भाजपा नगर अध्यक्ष संतोष गुड्डू, अधिवक्ता गौरव केशरी, पवन सुमन, कानू विकास संघ के अध्यक्ष संजीत कुमार साह, जवाहर राय, रमेश महतो, बाईट कम्प्यूटर बेगूसराय के संचालक संजय सिंह, विष्णुदेव सिंह, रामसेवक महतो, डा विशाल, मनीष कुमार, अंकित सिंह, कुमार निशांत वर्मा, एबीभीपी के नगर मंत्री मनीष कुमार, डा आलोक आर्यन, प्रियांशु प्रिर्यदर्शी, सोमनाथ कुमार, हिमांशु कुमार आदि ने संबोधित कर श्रीबाबू के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि महात्मा गांधी के द्वारा दिया गया कर्मयोगी उपनाम को चरितार्थ करने काम डा श्रीकृष्ण सिंह ने किया है, जिसका एक प्रतिक बखरी डाकबंगला भी है, जिसके संरक्षण के बदौलत ही आने वाले पीढ़ी को श्रीबाबू के “आधुनिक बिहार के शिल्पकार” के छवि को दिखाया जा सकता है। जिसके लिए इस डाकबंगला का संरक्षण ही श्रीबाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया तथा अंत बखरी डाकबंगला संरक्षण का संकल्प लेकर डा श्रीकृष्ण सिंह 132वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित किया।