पश्चिम बंगाल में अचानक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से कोहराम, विपक्ष ने की ममता के इस्तीफे की मांग

डेस्क : आज देशभर में कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी के दहशत से हर कोई सहमा हुआ है। एक तरफ जहां हर दिन नहीं आकडे़ सामने आ रहे हैं तो वहीं यह बात सबको हैरान कर देने वाली है कि आखिरकार पश्चिम बंगाल में कोरोना से संक्रमित मरने वालों की संख्या में अचानक इतना इजाफा कैसे हुआ। इस मुद्दे पर राजनीति भी काफी रूप से तेज हो गई है। जहां अचानक आंकड़ों में इजाफा देखते हुए गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग भी कर दी है।

आपको एक चौका देने वाला आंकड़ा बता दे जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं। जब 1 मई को कोरोना के मरीजो की संख्या की गई थी तो यह आंकड़ा बंगाल में 623 था, जहां मरने वालों की संख्या 33 थी.. पर अचानक 3 मई को यहां आंकड़ा 738 तक पहुंच गया और 4 मई को 777 और मरने वालों की संख्या 35 हो चुकी थी। सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा तो 5 मई को सामने आया जब बंगाल में कोरोना के मरीजों की संख्या ने 908 का आंकड़ा भी पार कर लिया था जिसमें मरने वालों की संख्या 35 से बढ़कर सीधे 133 हो गई थी। 6 मई को यह आंकड़ा 1344 हो गया था और मरने वालों की संख्या 140 हो चुकी थी।

इस तरह के आंकड़ों से यह तो साफ है कि बढ़ते संक्रमित आंकड़ों को छिपाया गया है, जहां यह बात भी सामने आई है कि राज्य में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर 12.8 फीसदी है, जो किसी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक माना जा रहा है।

विपक्षी भाजपा ने किया ममता के इस्तीफे की मांग : कोरोना से संबंधित गलत आंकड़ों पर ममता सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कोरोना मरीजों के सही डाटा को इकट्ठा करने में चूक हुई है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रभारी और पश्चिम बंगाल से भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा है और कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गंभीर तरीके से बात करनी चाहिए और जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, वे तुरंत अपना इस्तीफा दें।