स्पेशल ट्रेन से अपने घर पहुंचने वाले सबसे अधिक बिहार के लोग शामिल, बंगाल को मिली सबसे कम ट्रेन

डेस्क : जब से दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को अपने घर पहुंचाने का जिम्मा सरकार ने उठाया है तब से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यही वजह है कि इन स्पेशल ट्रेन से अपने प्रदेश लौटने वालों में सबसे अधिक संख्या बिहारी लोगों की है। रेलवे की ओर से अब तक 67 स्पेशल ट्रेन चलाई गई है। प्रत्येक ट्रेन में 1200 लोगों के बैठने का इंतजाम था। इस हिसाब से आंकड़े सामने आए हैं कि अभी तक 67000 से भी ज्यादा लोग अपने घर पहुंच चुके हैं।

सबसे खास बात तो यह है कि इन ट्रेनों में सबसे अधिक संख्या में ट्रेन बिहार पहुंची है, जिसकी संख्या कुल 13 है इससे तात्पर्य है कि बिहार में पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है। वही देखा जाए तो उत्तर प्रदेश पहुंचने वाली 10 ट्रेन है और पश्चिम बंगाल को अब तक सबसे कम स्पेशल ट्रेन मिली है, जिसकी संख्या 2 हैं। इसके पीछे सबसे मुख्य वजह जो मानी जा रही है वह है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक सिर्फ 2 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को ही आने की रजामंदी दी है, जिनमें से एक राजस्थान और एक केरल से…

रेलवे के एक अधिकारी से यह बात भी सामने आई है कि हावड़ा के लिए दो ट्रेन इसलिए नहीं खुल पाए, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा इसकी अनुमति नहीं मिली थी। वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो राजस्थान में 3 श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंच चुकी है और 7 स्पेशल ट्रेनें ओडिशा पहुंची है।जहां लोगों को अपने अपने घर सुरक्षा के साथ पहुंचा दिया गया है। कोटा में फंसे बच्चों को लाने के लिए जो ट्रेन खुली थी। वहां से पटना आने वाले सभी बच्चों के घर पर होम क्वॉरेंटाइन का पोस्टर बुधवार से चिपकाया जा रहा है, जो भी लोग स्पेशल ट्रेन के माध्यम से बिहार पहुंच रहे हैं उन्हें 21 दिनों का होम क्वॉरेंटाइन में रहने की जानकारी दी गई है और कोरोना कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और स्थितियों का जायजा लिया जा रहा है।