एक हादसे में अपने दोनों हाथ गँवा देने के बाद भी छु रही है आसमान

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालविका अय्यर को अपना ट्विटर हैंडल चलाने के लिए सौंप रखा है।आपको बता दें की मालविका अय्यर उन सात महिलाओं में से एक हैं जो पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट के ज़रिये लोगों तक अपनी प्रेरणादायक कहानी पहुंचा रही हैं। मालविका अय्यर का मानना है की किसी भी चीज को अपनाना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है इस वजह से वह कहती भी हैं की ‘स्वीकृति सबसे बड़ा इनाम है जो हम खुद को दे सकते हैं। हम जिंदगी को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन हम निश्चित रूप से जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं। दिन के आखिर में मायने यह रखता है कि हमने अपनी चुनौतियां का किस तरह से सामना किया। मेरे बारे में और मेरी कहानी के बारे में जानिए।’

आपको बता दें की मालविका ने अपने दोनों हाथों को मात्र 13 वर्ष की आयु में एक बम धमाके में गँवा दिया था। इसके बावजूद मालविका अय्यर ने अपनी पढ़ाई पूरी करी। उन्होंने सारी बाधाओं को झेलते हुए अपनी पीएचडी पूरी करी और अब वह काम भी कर रही हैं। उनका मानना है सीमा तो बस दिमाग की उपज है आप असीमित हैं और यही सोच काफी बड़ा परिवर्तन लाती है।

उन्होंने अपनी कहानी भी बताई जिसमें उन्होंने कहा की मई 2002 में जब सब उनके घर के लोग अपने अपने काम में व्यस्त थे। इस ही दौरान उनकी जींस की एक जेब फट जाती है और उसके लिए वह गोंद खरीदने के लिए बाहर जाती हैं तभी वहाँ मौजूद बारूद की दूकान पर आग लगी होती है और विस्फोट हो जाता है और इस विस्फोट में उनके दोनों हाथ चले जाते है , मालविका को दो साल लग गए सही होने के लिए पर उसके दोने हाथ नहीं रहे। उनका कहना है की लोग आजकल छोटी परेशानियों से हार गए है इस लिए मैंने मोटिवेशन स्पीच देने का सोचा और देने भी लगी ताकि लोगो को प्रेरणा का ज़रिया मिल सके। इससे काफी लोगो की जिंदगियों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।