प्रधानमंत्री मोदी ने इसलिए बजवाई थी ताली, थाली और शंख जाने इनके पीछे के असली रहस्य?

वायरल सन्देश : प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में बीते रविवार को यह कहा था की आप उन सारे लोगो का जो कोरोना से चौबीसो घंटे लड़ रहे हैं, उनका उत्साह बढ़ाएं थाली वह ताली बजाकर पर कुछ लोगो ने शंख भी बजाई। शंख बजाने की पीछे की वजह हम साफ़ करते हैं। यह एक ऐसी धार्मिक मान्यता है जो काफी असरदार मानी जाती है। शंख का मंदिर में होना साथ ही घंटी का बजना और आरती के वक्त ताली बजाना बहुत मायने रखता है। जानते हैं इनके पीछे का असली मतलब।

शास्त्रों के अनुसार घंटी बजाने से सकरात्मक तरंगे निकलती हैं जो आस पास के माहौल को ऊर्जा से भर देती है। आस पास मौजूदा नकारात्मक ऊर्जा को भी ख़तम कर देती है। घंटी बजने से जो वातावरण में कम्पन होता है वह काफी दूर तक फैलता है और हवा में मौजूद कीटाड़ुओं का खात्मा भी करता है। ताली बजाने की भी अहम् ख़ास बात है जो सबको जाननी चाहिए , ताली बजाते वक्त 29 एक्सूप्रेससुरे बिंदुओं पर असर पड़ता है जो कहीं न कही किसी न किसी तरह से शरीर से जुड़े होते है। जैसे ही इनमे दबाव बनता है, यह इनमें ऊर्जा संचालित हो उठती है।

शंख का महत्त्व इसलिए है क्यूंकि समुद्र मंथन के समय पर 14 रत्न मिले थे। इन रत्नो में से एक शंक भी था। शंख के होने से सुख समृद्धि का वास होता है। शंख बजाने से फेफड़ों की कसरत हो जाती है। अगर फेफड़ों की कसरत हुई तो सांस की बिमारी छु भी नहीं सकती।