बचपन में पोलियो से ग्रस्त रही, अब बन गई अधिकारी

वायरल सन्देश : कहते हैं की अगर एक पत्थर तब्यत से उछालो तो आसमान में छेद कर देता है, ऐसा ही एक करिश्मा कर दिखाया है मुंबई के इनकम टैक्स में डिप्टी कमिश्नर के तौर पर कार्यरत सारिका जैन ने । ओडिशा की पैदा हुइ और एक छोटे से गाँव में पढ़ने वाली इस लड़की ने कर दिखाया कुछ ऐसा जिसके लोग सिर्फ ख्याली सपने बुनते है ।

हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्यूंकि मात्र 2 साल की उम्र में सारिका को पोलियो हो गया था क्यूंकि घरवालों को पता हे नहीं था की पोलियो है क्या । जब घर वाले इलाज करवाने सारिका को अस्पताल लेकर गए तो वहाँ पर उसका गलत इलाज हो गया जिससे उसकी तब्यत और खराब हो गयी ।

इन सब लापरवाही के चलते वह 2 साल के लिए कोमा में भी चली गयी, लगभग 4-5 वर्ष की आयु में वह थोड़ा चलना शुरू कर पायी । इन सारी दिक्कतों को झेलते हुए उसने स्कूल में दाखिला ले लिया और इन कठिनाईयों के बाद भी वह स्कूल जाती रही और उसने सपना सजा लिया की वह डॉक्टर बनेगी पर ऐसा ना हो सका क्यूंकि डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए खर्चा काफी होता है जो घर वाले उठा नहीं सकते थे ।

फिर सारिका ने कॉमर्स लेकर अपनी शिक्षा पूरी करी और सी.ए  बनने की राह पर चल पड़ी । घर वाले सारिका की शादी करवाना चाहते थे पर सारिका अपाहिज थी जिसके चलते कोई उससे शादी के लिए तैयार न हुआ , पर सारिका ने हिम्मत नहीं  तोड़ी जैसे ही उसे पता लगा की  सी.ए  के लिए घर बैठकर भी पढ़ा जा सकता है तो उसने अपनी तैयारी दोगुना कर दी और 40 बच्चों को पीछे करते हुए परीक्षा में टॉप करके दिखाया ।

अब सारिका सीए तो बन गई थी मगर अभी उनकी मंज़िल दूर थी। सारिका को अफ़सर बनना था और UPSC का एग्ज़ाम देना था। हालांकि, शुरू में घर वालों ने सारिका के इस फ़ैसले का विरोध किया मगर सारिका के बहुत मनाने के बाद उन्होंने सारिका को डेढ़ साल की मोहलत दी ।  सबसे ज्यादा सोचने वाली तो बात यह है की सारिका को इस UPSC के बारे में कुछ ख़ास जानकारी नहीं थी । बस उनको यह खबर कहीं से मिली थी की उनके ही गाँव से एक आईएएस अफसर बना है । और फिर सारिका ने भी ठान लिया की वह भी अफसर बनेंगी ।

उन्होंने  समय न गँवाते हुए कर दी तैयारी शुरू और आईएएस तो नहीं बन पायी पर आई .आर.एस की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है । अब वह अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीती हैं । सारिके की हिम्मत की दात देनी होगी और कई आने वाली पीढ़ियां सारिका से सबक ले सकती है की किस तरह से मुश्किल भरी परिस्थित में हौंसला न खोते हुए मेहनत करते रहना चाहिए । सदा मेहनत करने वालो की इच्छा जरूर पूर्ण होती है ।