लॉकडाउन के बहाने तेघरा पुलिस ने वृद्ध RTI एक्टिविस्ट पर डंडे बरसाए, बर्बरता की विचित्र तस्वीर आयी सामने !

बेगुसराय : बिहार राज्य में कोरोना के हॉटस्पॉट में चिन्हित बेगुसराय जिले में जहां जिला प्रशासन के आला अधिकारी लोकडॉवन को सफल बनाने में जुटे हैं। वहीं कुछ पदाधिकारी लोकडॉवन की आर में घिनौनी करतूत को अंजाम देने में जुटे हैं। इस बात का ताजा उदाहरण तेघरा अनुमंडल क्षेत्र के फुलबङिया थाना से सामने आया है। जहां स्थानीय एसडीओ , बीडीओ और पुलिस के द्वारा 15 अप्रैल की रात को 75 वर्षीय गिरीश गुप्ता नामक आरटीआई कार्यकर्ता को लुंगी गंजी में ही उनके घर से लोकडॉवन के उल्लंघन का हवाला देकर उठाकर ले जाया गया, लेकिन थाना नहीं ले जाकर अन्यत्र जगह पर पहुँचाकर जमकर पिटाई की गई। मिली जानकारी के अनुसार पिटाई इतनी निर्मम तरीके से की गई कि उक्त बुजुर्ग के हाथ पैर जांघ सहित गुप्तांग तक सूज गया है। जो कि किसी को दिखाया भी नहीं जा सकता है। उक्त बातों का जिक्र आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा दिये आवेदन में किया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव को आवेदन लेकर न्याय की गुहार लगाई है।

Girish-Gupta

लोकडॉवन में बढ़ती ज्यादती कहीं पुलिस के लिये जनता के बीच बेड इम्प्रेसन तो नहीं ? लोकडॉवन में स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जिले के अलग अलग थाना क्षेत्र और प्रखण्ड क्षेत्र में पुलिस अपना खुन्नस निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। जहां गढ़पुरा स्थानीय प्रशासन के द्वारा पत्रकार का फोन छीन लिया गया वहीं मंझौल , रजौरा आदि जगहों पर काम पर जा रहे कर्मी को भी पीटा गया है। बीते दिनों बेगुसराय के बखरी में पुलिस के डंडे से युवक का सर फूटने पर स्थानीय लोगों के द्वारा पुलिस पर पथराव कर दिया गया था।

लोकडॉवन के शुरुआत में मुफसिल थाना क्षेत्र के वसदेवपुर चांदपुरा गांव से लोकडॉवन के दौरान ही अजब गजब मामला सामने आ चुका है जब स्थानीय चौकीदार की पेशकश पर शराब तस्करी के लिये बोलेरो देने से मना करने पर दरोगा के द्वारा बोलेरो को थाना ले आया गया था। इतना कुछ होने के बाद भी पुलिस कप्तान अभी तक मीडिया के सामने कुछ सपष्ट नहीं कर रहे हैं। जनता के बीच पुलिस पब्लिक फ्रेंडली छवि बनाये रखने के लिये प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उनको अपना पक्ष रखना चाहिये ।

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