सफलतापूर्वक हुआ लोक अदालत का आयोजन, 2200 के लगभग मामलों का किया गया निष्पादन

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा लोक अदालत का आयोजन बेगूसराय व्यवहार न्यायालय में किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत तरीके से उद्घाटन करके की गई उद्घाटन विशेष न्यायाधीश अरुण कुमार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव शमीम अनवर ने की।अनवर समय में आतंक वक्तव्य में कहा कि अगर नेशनल लोक अदालत आयोजन नहीं करवाया जाएगा तो न्यायपालिका पर लंबित 4 करोड़ से अधिक मुकदमे का निष्पादन करने में न्यायपालिका को 234 वर्ष से भी अधिक का समय लग जाएगा।

बेगूसराय के साथ सभी अनुमंडल न्यायालय में बनाया गया एक एक पीठ इस बार भी बेगूसराय में कई सारे मामले जो विभिन्न कैटेगरी के थे उनका निष्पादन किया गया। कुल 2200 मामलों का निष्पादन लोक अदालत में किया गया। बेगूसराय के अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने मंझौल,बलिया,तेघड़ा और बखरी अनुमंडल न्यायालय में भी एक एक पीठ का गठन किया गया था। जिसके पीठासीन पदाधिकारी मोहम्मद शाहनवाज आलम, धीरेंद्र कुमार राय, देवराज और सीतेश कुमार बनाए गए थे। मंझौल अनुमंडल न्यायालय से 35,तेघड़ा से 10, बखरी से 19, बलिया से 12 मामलों का निष्पादन किया गया।

यूको बैंक ने किया सबसे ज्यादा लंबित बकायदारों से समझौता एवम वसूली बिजली विभाग ने लगभग 100 मामलों का निष्पादन किया और 1 करोड़ 26 लाख की बसूली भी की। वही दुर्घटना बीमा दावा में 13 मामलों का निष्पादन किया गया। ग्राम कचहरी के 6 मामलों का निष्पादन किया गया तथा आपराधिक प्रवृति के 400 मामले समझौता के जरिए सुलझाये गए। बैंकों के मामलों के निष्पादन के सबसे ज्यादा यूको बैंक का 735 मामला समझौता के आधार पर सुलझाया गया।यूको बैंक ने अपने बकायदारों से एक करोड़ 30 लाख की वसूली की एवम 2 करोड़ 93 लाख पर बकायदारों से समझौता किया। अन्य बैंकों ने भी अपने बकायदारों से लगभग 6 करोड़ की वसूली एवम 10 करोड़ पर समझौता किया।

इसके अलावे परिवार न्यायालय के मामलों का निष्पादन किया गया। सभी मामलों का निष्पादन जब तक हुआ काफी भीड़ देखने को मिली। हालांकि सभी पदाधिकारियों एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा काफी शांतिपूर्ण तरीके से सभी कार्य को संपादित करवाया गया।