डेस्क : अगर आपको लगता है कि कोरोना से आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा तो आप गलत फहमी में हैं , जी हाँ कोरोना वायरस कोविड-19 को आप हल्के में ना लें , क्योंकि ये इतना खतरनाक वायरस है कि इसके चपेट में आने वाले लोगों को खांसी, जुकाम, सीने में जकड़न, सांस लेने में कठिनाई के अलावा कई बार इस वायरस से संक्रमित मरीज को मस्तिष्क संबंधी गंभीर परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। अमरीकी मीडिया रिपोर्ट्स में वाशिंगटन के न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना के कारण लोगों के दिमाग पर असर पड़ने को इंसेफैलोपैथी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें उक्त वाकया में लोगों की मानसिक क्षमता प्रभावित तो होता ही है इसके साथ साथ सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता भी घट जाती है।
अमरीका में 74 वर्षीय मरीज खो चुका है मानसिक संतुलन
अमेरिकी शहर फ्लोरिडा के बोका रैटन अस्पताल के डाक्टरों ने बताया कि मार्च की शुरुआत में जब एक 74 वर्षीय मरीज को लाया गया तो सिर्फ खांसी और बुखार की ही शिकायत थी। उसका एक्सरे कराया गया तो एक्सरे रिपोर्ट्स में उसकी हालात सामान्य समझकर उसे घर जाने दिया गया। घर में बुखार बढ़ने पर अगले दिन उसे फिर अस्पताल लाया गया। उसकी हालत बिगड़ चुकी थी। सांस लेने की दिक्कत के साथ वह मानसिक चेतना खो चुका था। वह डाक्टरों को अपना नाम तक नहीं बता पा रहा था। उसके हाथ-पांव कांप रहे थे। इस पर डाक्टरों को शक हुआ कि वह कोविड-19 की चपेट में है। जांच में डाक्टरों का शक सही निकला । जिसके बाद ये कहना मुश्किल है कि कोविड 19 के क्या क्या प्रभाव मानवीय शरीर पर हो सकते हैं दुनिया के बहुत वैज्ञानिकों का शोध जारी है लेकिन मुक्कमल सफलता की खबरें अभी तक कहीं से भी नहीं आ रही है।