बेगूसराय में कोविड टीका लेने से मरने की फैली अफवाह- स्थानीय डॉक्टर ने कहा राजनीतिक रंग देने की कोशिश में थे ये लोग, जानिए पूरा मामला

न्यूज डेस्क : बेगूसराय के गढ़पुरा में एक व्यक्ति की मौत पर उस वक्त राजनीतिक रंग चढ़ने लगा । जब कोविड का टीका लेने के दिन उसी रात में उक्त व्यक्ति की मौत हो गया। बहरहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही व्यक्ति की मौत के कारणों का खुलासा हो पायेगा। परंतु, गढ़पुरा के इस मामले ने लोगों के लब्बोलुबाब पर खूब चर्चायें थी कि मौत कोरोना के टीका लेने पर हुई। स्थानीय पीएचसी प्रभारी ने इस मामले को सिरे से खारिज कर दिया । आगे की जांच पड़ताल चल रही है। यह पूरा मामला जिले के गढ़पुरा प्रखंड क्षेत्र के कोरैय गांव का है । जहां एक व्यक्ति की मौत शुक्रवार की रात को हो गई।

जिसे लोग कोरोना के टीका लेने से हुई मृत्यु बताने लगे। जिसके कारण आसपास के क्षेत्र में एक अलग ही माहौल बनाने लगा। मृतक की पहचान विश्वेश्वर सहनी का 42 वर्षीय पुत्र अर्जुन सहनी के रूप में कई गई है। कुछ लोगों के द्वारा इसे राजनीतिक रंग देने को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वाले भावी प्रत्याशियों की सक्रियता इसमें देखी गई। माहौल खराब होते देख इसकी सूचना सिविल सर्जन बेगूसराय को शनिवार को दी गई। उसके बाद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाक्टर गोपाल मिश्रा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डा ऋषिका, गढ़पुरा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा रामकृष्ण, डा बीके ठाकुर, स्वास्थ्य प्रबंधक मोहम्मद इमरान, बीसीएम रतन कुमार आदि वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

कौन देने लगे राजनीतिक रंग , मृतक के परिजनों ने क्या कहा ? स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के पहुंचने पर मृतक के घर वालों का कहना था कि शुक्रवार को मध्य विद्यालय सुजानपुर में कोविड-19 का लगाए गए वैक्सिंग शिविर में अर्जुन साहनी को टीका लेने के बाद रात में रात में स्थिति बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई। मौके पर पहुंचे विधायक सूर्यकांत पासवान ने इस मामले को लेकर बेगूसराय के डीएम से बात की। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के माध्यम से बेगूसराय भेज दिया। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मौत किस कारण से हुई। तब जाकर वहां का माहौल शांत हुआ। इस संदर्भ में गढ़पुरा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर रामकृष्ण ने बताया कि कोरोना टीका लेने से किसी की मौत नहीं होती है। कुछ लोग स्थानीय तौर पर इस घटना को राजनीतिक रंग देने लगे थे। जिसको लेकर शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा गया है।