हाईस्कूलों में रिटायर्ड शिक्षकों की बहाली , शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ का लगाया आरोप

बेगूसराय : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा हाईस्कूल के रूप में अपग्रेड हुए 2678 विद्यालयों में संविदा के आधार पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को रखे जाने संबंधी आदेश से बेरोजगारों, एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी एवं एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों में काफी आक्रोश का माहौल है। इन लोगों ने कहा है कि सरकार कई बार एसटीईटी की परीक्षा ले चुकी है, लेकिन विभिन्न वजहों से पेंच फंसता रहा है, पहले से सीटीईटी एवं एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों की अबतक बहाली नहीं हो सकी है।

जिससे अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि सूबे के हाईस्कूलों में रिक्त पड़े पदों पर स्थायी बहाली के बजाय रिटायर्ड लोगों को संविदा शिक्षक बनाना, बेरोजगार नौजवानों के साथ धोखा है। एसटीईटी परीक्षा को मंझधार में छोड़ माध्यमिक विद्यालयों में रिटायर्ड शिक्षकों की संविदा पर बहाली बिहार के शिक्षित-प्रशिक्षित युवाओं की गलारेती है।

संगठन के जिला महासचिव ज्ञान प्रकाश एवं जिला उपाध्यक्ष रामकरण चौरसिया ने कहा कि सरकार हाईस्कूलों में पहले से एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों को बहाल करे। सरकार के शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने के इस निर्णय के विरोध में संघ द्वारा 16 फरवरी को जिला मुख्यालय में मौन जुलूस निकाला जाएगा।