याद किए गए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, लिया गया उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प

बेगूसराय, 03 दिसम्बर : देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी 136वीं जयंती पर गुरुवार को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने भी उन्हें याद किया है। जयंती पर नमन करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में भारत का मार्गदर्शन करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर कोटि कोटि नमन। इस मौके पर जिला भर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत डीएम अरविन्द कुमार वर्मा एवं एसपी अवकाश कुमार समेत तमाम अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के हर हर महादेव चौक के समीप स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। इसके बाद सभी लोगों ने सदर अस्पताल स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। मौके पर डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। उनके बताए मार्ग पर चलना हम सबका कर्तव्य। हम उनके बताए रास्ते का अनुसरण करेंगे। मौके पर मेयर उपेन्द्र प्रसाद सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता अमरेन्द्र कुमार अमर एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार सिन्हा समेत अन्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा गांधी स्टेडियम में विश्व दिव्यांगता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर जिला स्तर पर चयनित दिव्यांग बच्चों द्वारा दौड़ समेत विभिन्न खेल एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा इसमें सफल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण, सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक भवन कुमार, डीपीओ राजकमल समेत अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुक्त गगन में गुब्बारा छोड़कर किया गया। संचालन शिक्षक उमेश मिश्रा ने किया।

दूसरी ओर हर हर महादेव चौक स्थित प्रतिमा के समक्ष शहीद सुखदेव सिंह समन्वय समिति द्वारा देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का गांधीवादी चिंतन और उनके विचारों की प्रासंगिकता विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षक नेता अमरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के विचारों और उनके कार्यों की विस्तार से चर्चा करते हुए अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।