राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने चौथी बार सदन में उठाया काबर झील का मुद्दा, कहा- अंतरराष्ट्रीय ख्याति वाले कावर झील को मिले रास्ट्रीय पहचान

डेस्क : अंतरराष्ट्रीय स्तर का मीठे पानी का झील जो विश्वस्तरीय रामसर साइट में शामिल है, इस जैव विविधता बाले काबर क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर के पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित करने को लेकर चौथी बार सदन में शून्य काल मे प्रश्न प्रोफेसर राकेश सिन्हा के द्वारा उठाया गया। उन्होंने कहा किसान की मछुआरे और अन्य हितधारक का ध्यान रखा जाय। राज्य सरकार और जिला प्रशासन मिलकर किसान की समस्या को सुलझाने का काम करें।

भरतपुर अभ्यारण केंद्र का उन्होंने उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा की उससे अधिक भूमि अधिकृत काबर में है, लेकिन अपेक्षित विकास नही हो पाया है, जबकि यहां 59 तरह के विदेशी पक्षी और 107 तरह के देशी पक्षी ठंढे मौसम में आते हैं। आगे उन्होंने कहा की यह सम्पूर्ण क्षेत्र पर्यावरण ही नही सांस्कृतिक रूप से भी समृद्व है, पाल बंश कालीन जयमंगला माता का मंदिर और बौद्ध कालीन हरसाई स्तूप का सरंक्षण और संवर्धन जरूरी है। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा रामसर साइट में जोड़ना और राशि आबंटित करने की साथर्कता पूरी हो पाएगी।

मालूम हो कि राकेश सिन्हा के प्रयास से ही केंद्र सरकार ने 70 लाख रुपये का प्रावधान 2020 में किया था, फिर इसे वेटलैंड और रामसर साइट में जोड़ा गया था। भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह और वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष शम्भू कुमार ने कहा पर्यावरण संरक्षण और विकाश में किसान और मछुआरों के हित को ध्यान में रखकर योजना बने इसकी चर्चा सदन में की गई यह सराहनीय है, जिला प्रशासन से आग्रह है की इस सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में अपनी सकरात्मक भूमिका निभाएं ताकि किसान की जिंदगी में भी खुशहाली आये।

भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष संजय सिंह , पूर्व विधायक कृष्ण सिंह ,नबीन सिंह संजीव सिंह ,रामशंकर पासवान , नीरज नवीन , कोषाध्यक्ष रामकल्याण सिंह समाजिक कार्यकर्ता महेश भारती, सौरभ सिप्पी, पुरषोतम कुमार सोनू सरकार आदि ने प्रसन्नता जाहिर की शोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।