मन की बात में बोले पीएम मोदी- लॉक डाउन की वजह से आई परेशानियों के लिए माफी मांगता हूं…

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक तरफ जंहा मोदी ने पिछले दिनों 21 दिनों के लिए लॉक डाउन का आदेश दे दिया था जिससे कि यह संक्रमण ज्यादा ना फैले. लॉक डाउन होने से बहोत सारे लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11:00 बजे से मन की बात कार्यक्रम संबोधित किया।

मन की बात में मोदी ने सबसे पहले कोरोना लॉक डाउन की वजह से लोगों को हो रही परेशानियों के लिए माफी मांगी. उन्होंने यह भी कहा कि देशवासियों को बचाने के लिए जरूरी कदम था बस यही एकमात्र तरीका था जिससे लोगों की जान को बचाया जा सकता था। मोदी ने आगे भी कहा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है। मोदी की मन की बात का यह 63 वा संस्करण था।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब मैं डॉक्टरों का त्याग, तपस्या, समर्पण देख रहा हूं तो मुझे आचार्य चरक की कही हुई बात याद आती है । आचार्य चरक ने डॉक्टरों के लिए बहुत सटीक बात कही है और आज वो हम अपने डॉक्टरों के जीवन में हम देख रहे हैं। आचार्य चरक ने कहा है, “न आत्मार्थ्मनअपी कामानर्थम्अतभूत दयां प्रति। वर्तते यत्चिकित्सायां स सवर्म इति वर्रतते”।।
यानी धन और किसी खास कामना को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की सेवा के लिए , दया भाव रखकर कार्य करता है, वो सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है।

पीएम मोदी ने कहा कि इस लड़ाई के अनेखों योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, घरों के बाहर रहकर कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे हैं। जो हमारे फ्रंट लाइन सोल्जर्स हैं। खासकर के हमारी नर्सेज बहनें हैं. नर्सेज का काम करने वाले भाई हैं. डॉक्टर हैं. पारा मेडिकल स्टाफ हैं। ऐसे साथी हैं, जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं। आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं यह भी जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता. नियम नहीं तोड़ा चाहता. लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अब भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। ऐसे लोगों को यही कहूंगा कि लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बचना मुश्किल हो जाएगा। दुनियाभर में बहुत से लोगों को कुछ इसी तरह की खुशफहमी थी। आज ये सब पछता रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि वो लॉकाडाउन का पालन कर रहे हैं तो ऐसा करके वो मानों जैसे दूसरों की मदद कर रहे हैं। ये भ्रम पालना सही नहीं है. ये लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है। आपको आपने से बचाना है. अपने परिवार को बचाना है. अभी आपको आने वाले कई दिनों तक इसी तरह धैर्य दिखाना है.लक्ष्मण रेखा पालन करना ही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से साहस एवं संकल्प प्रदर्शित करने को कहा, कई और दिनों के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ का पालन करने की अपील। पीएम मोदी ने कहा कि हमें ये समझना होगा कि मौजूदा हालात में अभी एक दूसरे से सिर्फ सोशल डिस्टेंस बना कर रखना है. न कि इमोशनल या ह्यूमन डिस्टेंस।

पीएम मोदी ने कहा कि भाइयों, बहनों, माताओं और बुजुर्गों कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ज्ञान,विज्ञान, गरीब, संपन्न, कमजोर, ताकतवर हर किसी को चुनौती दे रहा है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं से बंधा है और न ही ये कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम। ये वायरस इंसान को मारने पर, उसे समाप्त करने की जिद उठाकर बैठा है और इसलिए सभी लोगों को, पूरी मानवजाति को इस वायरस के खत्म करने के लिए एकजुट होनकर संकल्प लेना ही होगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि बहुत से लोग मुझसे नाराज भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं. आपकी परेशानी भी समझता हू्ं. लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ये कदम उठाइ बिना कोई रास्ता नहीं था। कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है और इसलिए ये कठोर कदम उठाने की बहुत आवश्यक थे। किसी का मन नहीं करता है ऐसे कदमों के लिए लेकिन दुनिया के हालात देखने के बाद लगता है कि यही एक रास्ता बचा है। आपको आपके परिवार को सुरक्षित रखना।

मोदी बोले कि सबसे पहले मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं और मेरी आत्मा कहती है कि आप मुझे जरूर माफ करेंगे। क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं. जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयां उठानी पड़ रही हैं. खास करके मेरे गरीब भाई-बहनों को देखता हूं तो जरूर लगता है कि उनको लगता होगा कि ऐसा कैसा प्रधानमंत्री है.हमें इस मुसीबत में डाल दिया। उनसे भी मैं विशेष रूप से माफी मांगता हूं।