रेलवे का बयान : श्रमिक स्पेशल ट्रेन में श्रमिकों से नहीं लिया जा रहा कोई किराया

डेस्क : अलग अलग राज्य में फंसे लोगों को अपने घर पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया, जिनमें खासतौर पर प्रवासी मजदूर, छात्रों, पर्यटकों और श्रमिकों को अपने घर पहुंचाने का जिम्मा रेलवे ने उठाया है। जहां पर कुछ समय पहले यह खबर आई थी कि केंद्र सरकार रेलवे टिकट का पैसा प्रवासी मजदूरों से वसूलेगी जिस पर रेलवे की ओर से जारी किए गए बयान ने सब कुछ पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है और सियासी बयानबाजी को तेज होने से रोक दिया है।

आपको बता दें कि स्पेशल ट्रेन के मजदूरों से किसी तरह का कोई किराया नहीं वसूला जा रहा है जो रेलवे ने अपने बयान में साफ स्पष्ट रूप से इस बात को जाहिर किया है। जहां इंडियन रेलवे ने बताया है कि पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ट्रेन में लगभग 60% यात्रियों के साथ पूरे खाने पीने की व्यवस्था के साथ यह विशेष ट्रेन चलाई जा रही है।

आप को सबसे विशेष और खास बात बता दे कि भारतीय रेल किसी भी प्रवासी को न तो टिकट बेच रही है और न ही किसी प्रकार का कोई संपर्क कर रही है यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पूरी प्रक्रिया पर नियंत्रण रहे और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि केवल जरूरतमंद लोगों को ही इस स्पेशल ट्रेन में सफर करने का मौका मिले।आपको बता दें कि पूरी तरह से स्टेशन पर मास्क पहनना और सोशल डिस्पेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है… तथा कई अन्य तरह के नियम भी बनाए गए हैं जिसे फॉलो करना हर किसी के लिए जरूरी है।

रेलवे द्वारा 34 श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने अलग-अलग स्थानों से अभी तक 34 श्रमिक ट्रेनें चलाई है, जिसमें पूरी तरह की सुविधाओं के साथ लोगों को अपने अपने घर पहुंचाया जा रहा है।