बेगूसराय। सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन सभा कक्ष में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाइट ब्लड सर्वे संबंधी एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिले के सभी सीएचओ और लैब टेक्नीशियन को यह प्रशिक्षण पटना से ट्रेनिंग प्राप्त कर लौटे लैब टेक्नीशियन राजीव कुमार द्वारा दिया गया। साथ ही 26 नवंबर से जिले के सभी 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा शहरी क्षेत्र के दो स्थानों पर नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत की जाएगी।
सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे फाइलेरिया संक्रमण की पहचान के लिए एक विशेष प्रक्रिया है। यह सर्वे रात में इसलिए किया जाता है क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी माइक्रोफिलेरिया रात के समय रक्त में सक्रिय होते हैं। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रभावित क्षेत्र में संक्रमण की वास्तविक स्थिति का पता लगाना और समय पर उपचार की नींव तैयार करना है।
डॉ. कुमार ने कहा कि यह सर्वेक्षण फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का अहम हिस्सा है, जिससे संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें समुचित दवा और उपचार उपलब्ध कराया जाता है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शुभाष रंजन झा ने बताया कि जिले के 38 सत्र स्थलों पर कुल 1,140 व्यक्तियों का रक्त नमूना लिया जाएगा। यह अभियान 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक चलेगा।
प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए डॉ. अशोक ने कहा कि फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य ‘रोगी हित धारक मंच’ द्वारा सक्रिय रूप से किया जा रहा है। यह मंच बीमारी को लेकर फैली धारणाओं को तोड़ने और लोगों को उपचार तथा दवा सेवन के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सिविल सर्जन ने आगे कहा कि फाइलेरिया होने पर इसके गंभीर परिणाम व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं। हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) और लिम्फेडेमा (हाथ-पैरों में सूजन) जैसी चिरकालिक स्थितियां न केवल दर्दनाक होती हैं, बल्कि व्यक्ति की काम करने की क्षमता और आजीविका पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसे में सर्वजन दवा सेवन अभियान में लोगों को दवा लेने के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सभी संबंधित कर्मियों ने सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई। जिला प्रशासन ने फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर अभियान को सफल बनाने के लिए सभी स्तरों पर सहयोग की अपील की है।

