खत्म हुआ खरमास अब होगा शुभ लग्न और बजेगा बैंड-बाजा पर बारात पर पाबंदी

न्यूज डेस्क : पिछले 1 महीने से सूर्य मीन राशि में थे जिस कारण से सौर मास के अनुसार चैत मास बीत रहा था। दिनांक 14 अप्रैल 2021 को रात के लगभग 2:00 बजे सूर्य सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे जिसका पुण्य का हाल 14 तारीख को ही दिन के 12:00 बजे तक बीतेगा और इस प्रकार सूर्य के मेष राशि में प्रवेश होते ही सौर मास के हिसाब से चैत्र मास समाप्त हो जाएगा और बैसाख मास प्रारंभ हो जाएगा।

इस तरह हम खरमास की समाप्ति कह सकते हैं।लोग जो विगत 1 माह से शुभ कार्य के लिए खरमास के कारण रुके हुए थे उनके लिए शुभ समय आ गया है। भारतीय शिक्षण मंडल के जिला मंत्री सह ज्योतिषाचार्य आचार्य अविनाश शास्त्री कहते है कि मेष राशि में सूर्य की संक्रांति को यवविषुव संक्रांति कहा गया है, इस संक्रांति के दिन अर्थात 14 अप्रैल 2021 को मिथिला के क्षेत्र में सतवानी पर्व मनाया जाता है.

इस पर्व में विशेष रुप से घर में आए हुए फसल के रूप में नवीन अनाज को आग में भूनकर एवं उसे पीसकर आटे के रूप में तैयार किया जाता है जिसे सत्तू भी बोलते हैं और इस सत्तू को कुल देवता के ऊपर अर्पित करके फिर उसे प्रसाद रूप में भोजन करने की प्राचीन परंपरा है।पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य मेष राशि में प्रवेश के साथ ही इस सतवाइन पर्व के दिन से ही नवीन अन्य का भक्षण उत्तम होता है.. 15 अप्रैल 2021 को सतवाइनी पर्व के दूसरे दिन जुड़ शीतल का पर्व मनाया जाता है जिसमें घर के बूढ़े बुजुर्ग अपने बच्चों के सिर पर जल दे कर के ठंडा करते हैं, स्त्रियां रास्ते पर एवं वृक्षों को सीचते हैं।

धर्मशास्त्र के अनुसार इस दिन से गंगा दशहरा तक तुलसी पीपल आम आदि वृक्षों में जल देकर प्रतिदिन सींचना चाहिए साथ ही मेष राशि की संक्रांति से बाडीपूर्ण घट अर्थात जल से भरा हुआ मटका राहगीरों को मंदिरों में धर्मशालाओं में अथवा प्यासे को पानी दान करना चाहिए। मेष की संक्रांति पर पादुका,छाता, और जल युक्त पात्र दान करने का शास्त्रीय महत्व है। सूर्य संक्रांति हो जाने के बाद चैत्र मास में भी विवाहादि शुभ माना गया है क्योंकि विवाहादि कार्यो में चन्द्र मास के जगह सौर मास का ही विचार किया जाता है।

सार्वजनिक कार्यक्रम में है गाइडलाइन बिहार में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण बीते दिन गृह विभाग से जारी गाइडलाइन के मुताबिक शादी समारोह में कुल 200 लोगों से अधिक शामिल नहीं हो सकते, यानि बराती और सराती दोनों तरफ के लोगों की कुल संख्या 200 के पार नहीं होनी चाहिए । साथ ही कोरोना गाइडलाइन का भी विशेष ध्यान रखना पड़ेगा ।