कमलनाथ हुए ‘अनाथ’, सिंधिया के इस्तीफे के बाद हमलावर हुई कांग्रेस

नई दिल्ली/भोपाल : मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर ग्रहण लग चुका है. मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात की और इसके बाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है. आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं.

इस्तीफा पत्र पर तिथि नौ मार्च की है : वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस गुस्से में नजर आ रही है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने सिंधिया की तुलना जयचंद और मीर जाफर से की है. उन्होंने ट्वीट किया कि आने वाला वक़्त अपने स्वार्थों के लिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किये गये ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पायी सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों – मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखायेगी .
सिंधिया के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता श्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है.

पार्टी की हालत हमेशा एक जैसी नहीं होती…उतार-चढ़ाव तो लगा रहता है. बुरे वक्त में पार्टी का साथ छोड़ना ठीक नहीं है. मध्य प्रदेश में शायद अब हमारी सरकार नहीं रहेगी. आगे उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निकाल दिया गया है. हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, पार्टी से गद्दारी करने वाले के साथ तो ऐसा ही करना पड़ेगा.कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी का इशारों-इशारों में सिंधिया पर हमला किया है. उन्होंने ट्वीट किया-एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है…-

तीनों में यह कहा गया है कि हां हम है…. इधर, कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की. सिंधिया के भाजपा में जाने की संभावना है. उनके कांग्रेस छोड़ने से अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है.