देश में बढ़ते ईंधन मांग को पूरा करने के लिए तैयार हुआ इंडियन ऑयल, रिफाइनरियों का क्रूड थ्रुपुट हुआ 100 प्रतिशत

न्यूज डेस्क , बेगूसराय : इंडियन ऑयल बढ़ते हुए इंधन मांग को पूरा करने के लिए एक बार फिर तैयार हो गया है। हालांकि विगत महीनों में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पादन कम हो गया था। लेकिन अब इंडियन ऑयल की रिफाइनरियों का क्रूड थ्रुपुट बढ़कर एक सौ प्रतिशत हो गया है। क्योंकि सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत लगभग कोरोना महामारी के पूर्व परिदृश्य तक पहुंच गई है। अक्टूबर में यह आंकड़ा 88 प्रतिशत और पिछले साल इसी अवधि के लिए 99 प्रतिशत था।

पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती मांग पर इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एस.एम. वैद्य ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की ओर अग्रसर है। जैसे-जैसे हम कोविड-19 वैक्सीन रोल-आउट के करीब आ रहे हैं, अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे मजबूत हो रहे हैं। हम देख रहे हैं कि पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत में तेजी से वी-आकार की रिकवरी हो रही है। हमारी सभी परियोजना स्थल पर भी निर्माण गतिविधियों में पुनरुद्धार हो रहे हैं। इन सभी परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनर इंडियन ऑयल भारतीय अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए आत्मनिर्भर भारत मिशन के उद्देश्य के साथ बढ़ती बाजार की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।

कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था वापस सामान्य होने की तैयारी कर रही है। इंडियन ऑयल ने अपनी रिफाइनरियों के थ्रूपुट को मई 2020 की शुरुआत में करीब 55 प्रतिशत रेटेड क्षमता से छह महीने में अधिकतम क्षमता तक बढ़ा दिया है। नवम्बर 2020 के दौरान पेट्रोल की बिक्री 1.06 एमएमटी थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में प्रतिशत अधिक है। रसोई गैस के मामले में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मांग लगभग 1.4 प्रतिशत बढ़कर 1.09 एमएमटी हो गई है। हालांकि डीजल ने महीने के आधार पर एक महीने की तुलना में दो प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, यह साल-दर-साल के आधार पर तुलना में अभी भी नौ प्रतिशत कम है।

अक्टूबर 2020 की तुलना में एटीएफ में भी चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन साल-दर-साल आधार पर तुलना में अभी भी 45 प्रतिशत कम है। व्हाइट ऑयल, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की बढ़ती खपत के साथ ईंधन तेलों, कोलतार, पेट कोक और सल्फर जैसे ब्लाक ऑयल और विशेष उत्पादों की मांग भी रिफाइनरियों के थ्रुपुट में सुधार कर रही है।