बेगूसराय : दुष्कर्म के प्रयास का मुकदमा नहीं उठाया तो महिला के पुत्र और पुत्रवधू को किया गायब, न्याय के लिए दर दर भटक रही माँ – बेटी

न्यूज डेस्क : दरोगा जी, यह देखिए कागज। जिले के छौड़ाही ओपी क्षेत्र के हुलासी टोला अमारी निवासी मोहम्मद गुलाब कलीम एवं उनके साथियों ने मेरे साथ बलात्कार का प्रयास किया। छुड़ाने आई जवान बेटी के साथ भी छेड़छाड़ एवं बलात्कार का प्रयास किया। सादा कागज पर अंगूठा का निशान लेना चाहा। विरोध करने पर मां बेटी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। थाना में मुकदमा दर्ज कराएं, कार्रवाई नहीं हुई। अब आरोपित मेरे पुत्र एवं पुत्रवधू को ही गायब कर दिए हैं,जो हमारे साथ रहता भी नहीं है। मुझे मुकदमा में उलझाना चाह रहे हैं। हमें न्याय दीजिए नहीं तो लाज शर्म एवं प्रताड़ना से मेरी मौत हो जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी आप सभी की होगी। उक्त बात कहते हुए पीड़ित महिला थाने के दरोगा के साथ सामने फूट-फूट कर रोने लगी एवं इंसाफ देने की गुहार लगाने लगी। अपहरण के आवेदन की जांच को आए बेगूसराय महिला थाने के पुलिस पदाधिकारी मामला को उल्टा देख भौंचक रह उल्टे पांव वापस लौट गए।

क्या है मामला : छौड़ाही ओपी क्षेत्र के अमारी पंचायत के हुलासी टोला गांव निवासी एक महिला ने अपने साथ बलात्कार का प्रयास करने सादा कागज पर अंगूठा का निशान लेने से संबंधित एक प्राथमिकी छौड़ाही ओपी में दर्ज करवाई है। जिसमें उक्त गांव के मोहम्मद गुलाब कलीम समेत आधा दर्जन व्यक्ति आरोपित किए गए हैं। पीड़ित महिला ने लिखित एवं वीडियो द्वारा बताया कि घटना के बाद आरोपित गुलाब कलीम अपने एक रिश्तेदार जो उनकी पुत्रवधू के घर की है कि मदद से हमारे पुत्र एवं पुत्रवधू को गायब कर दिए। उसके बाद लगातार दबाव दे रहे हैं कि तुम रेप का मुकदमा उठा लो नहीं तो तुम पर बेटा के ही अपहरण का मुकदमा करवा देंगे। इस बात को लेकर मेरी काफी पिटाई भी की गई। आवेदन पुलिस को दिए हैं। इसके बाद गलत काम नहीं करने की बात कही तो उन पर पुत्र एवं पुत्रवधू के अपहरण संबंधित आवेदन महिला थाना में दिया गया। इसी जांच में महिला थाने से पुलिस एवं दरोगा जी आए थे। महिला के तेवर देख महिला थाना की टीम बैरंग वापस हो गई। पीछे पीछे महिला भी छौड़ाही ओपी पहुंच आवेदन देकर न्याय देने की गुहार लगाने लगी।

हुजूर बदलिए अनुसंधानकर्ता : महिला ने एसपी बेगूसराय, मुख्यमंत्री, डीजीपी, गृह मंत्रालय बिहार, महिला आयोग आदि को दिए आवेदन में दर्ज मामले के अनुसंधान पदाधिकारी एवं सुपरविजन पदाधिकारी पर भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए सुरक्षा एवं न्याय की गुहार लगाई है। वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद शकील और संजीव कुमार बताते हैं कि महिला द्वारा अधिकारियों को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि घटना की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अनुसंधानकर्ता आरोपित के घर गए। आरोपित के साथ बैठकर आम खाए। घटना के 10 दिन बाद भी पुलिस ना पीड़ित के घर गई ना बयान लिया। जो बलात्कार एवं बलात्कार के प्रयास के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश का घोर उल्लंघन है। पीड़िता अनुसंधानकर्ता एवं सुपरविजन पदाधिकारी को बदलने की मांग कर रही हैं जो, उचित है। न्यायालय में भी प्रोटेस्ट लगाया जा रहा है। पीड़िता को हर हाल में इंसाफ दिलाया जाएगा।

कहते हैं ओपी अध्यक्ष :इस संदर्भ में छौड़ाही ओपी अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार का कहना है कि दर्ज मामले में कार्रवाई की जा रही है। पीड़िता को न्याय का भरोसा दिया गया है।