रघुबर दास की ईमानदारी बनी हार का कारण,पापा सबको खुश कर देते तो कभी नहीं हारते : रेनू

रांची: झारखंड में पहली बार लगातार 5 साल के लिए सीएम देने वाली बीजेपी को विधानसभा चुनाव में करारी हार के साथ सत्ता से बाहर होना पड़ा है। गैर-आदिवासी नेता रघुबर दास को सीएम बनाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ा फैसला लिया था, लेकिन शायद यह कार्ड फेल रहा।

गुटबाजी भी पड़ी भारी

सीएम रघुबर दास की कैबिनेट में अपने पूर्व सहयोगी सरयू राय के साथ अनबन ही रही और अंत में राय उनके खिलाफ ही चुनाव में उतरे। यही नहीं उन्होंने रघुबर को 15,000 वोटों से जोरदार शिकस्त भी दी। भाजपा से टिकट न मिलने पर सरयू ने निर्दलीय प्रत्याक्षी के तौर पर चुनांव लड़ा। इस चुनांव मे मिली करारी हार का असर रुघवर दास और उनके परिवार में भी देखने को मिला।

पापा की ईमानदारी बनी हार का कारण

रघुवर दास की बेटी रेणु को उनसे काफी उम्मीदें थीं रुझान जिस दिन आने थे उस दिन वह और उनके पति यशपाल दोनों साथ मे टी वी देख रहे थे। पर जैसे जैसे नतीजे सामने आते रहे उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता चला गया। जब उनसे यह हार बर्दाश्त नहीं हुई तो वह टी वी छोड़कर दूसरे कमरे में चलीं गयी। हार का नज़ारा उनके चेहरे पर अभी तक बरकरार है।

रेणु से जब उनके पिता की हार के पीछे की कमजोरियों पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पिता की हार के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी स्पष्टवादिता रही। इसके साथ ही उन्होंने रघुवर दास की कुछ अन्य कमजोरियों पर बात की जिन्हें वे पिता की हार का कारण मानती हैं। अपने पिता के अच्छे आचरण को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पापा की ईमानदारी ही हार का कारण बताया है ।

उनका कहना है कि पापा सीधी बात करते है। बातों को घुमाना उन्हें नहीं आता है। मुख्यमंत्री जब तक वह रहे तब उनके पास शराब के ठेके खुलवाने के , कोयला के ठेके के लिए उन्ही के कार्यकर्ता दबाव बनाते थे। पर वह गलत और गैरकानूनी काम के सख्त खिलाफ हैं।

सरयू राय पर उन्होंने कहा कि वह दुष्प्रचार करने में उत्कर्ष हैं। यशपाल का कहना है कि उनको अपने पापा पर गर्व है क्योंकि उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करा और गलत लोगो के साथ समझौता नहीं करा।