काबर क्षेत्र की जमीन को लेकर किसानों ने किया धरना और प्रदर्शन, कहा- “करो या मरो की लड़ाई लड़ेंगे..”

बिहार के बेगूसराय जिले के काबर क्षेत्र की जमीन को लेकर क्षेत्र के किसान एकबार फिर आंदोलित हैं। वर्ष 1986 में जिला गजट के माध्यम से काबर क्षेत्र की लगभग 6811 हेक्टेयर यानी 21 हजार बीघे से अधिक भूमि को गजट कर पक्षी विहार की अधिसूचना एकतरफा जारी कर दी गई।

तब भारत और बिहार में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी

तब जनता पार्टी के नेता जार्ज फर्नांडिस ने स्थानीय किसानों की मांग पर यहां पहुंच कर किसानों के पक्ष में सभा कर विरोध जताया था। फिर वर्ष 1989 में बिहार राज्य गजट के माध्यम से इस जमीन को एकतरफा बिहार सरकार द्वारा पक्षी विहार के रूप में गजट कर दिया गया।

किसानों ने तब से अभी तक लगातार धरना प्रदर्शन के माध्यम से इसे लेकर विरोध जताया है। सरकारी अधिकारी भी इस गजट को बारंबार विसंगतिपूर्ण बताकर इसमें सुधार की बात कहते रहे। लेकिन, वर्ष 2013 में बेगूसराय के एक कलक्टर ने जले पर नमक छिड़कते हुए किसानों के जमीन की ख़रीद फरोख्त पर रोक लगा दिया।

किसानों को समस्या ज़मीन न बेचने की वजह से बढ़ती रही है

अब नए अधिकारी आते हैं तो काबर पक्षी विहार की जमीन के बारे में एक अनर्गल राय बना कर भेज देते हैं।
काबर क्षेत्र की जमीन सैंकड़ों वर्षों से किसानों के कब्जे में है। उनके पास विभिन्न तरीके के दस्तावेज और अधिकार पत्र हैं लेकिन, आज के टुच्चे और घुसखोर तथा कम जानकारी रखने वाले कुर्सी पर बैठे अधिकारी इसे लेकर किसानों को हरकाते रहते हैं। अब नए भूमि सर्वे में काबर पक्षी विहार में अधिसूचित भूमि के सर्वे नहीं कर उसे वन विभाग को सौंपने की तैयारी कौन लेकर पत्राचार करने लगे हैं।

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