दोनों पैर गवाकर भी अंतिम दम तक देश की सुरक्षा में लगे रहे रॉबिन्स, स्वस्थ होने पर गांव में हुआ शौर्य सम्मान

न्यूज डेस्क : फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती, ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती । और सामने कितना भी बड़ा आपदा और विपदा आ जाये देश की सुरक्षा में हर चीज बौना साबित होती है। ऐसा ही कर दिखाया बेगूसराय के लाल रॉबिन्स ने । जिस कारण जिले वासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है। बेगूसराय जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत रतनमन बभनगामा के अमर शंकर सिंह के वीर पुत्र रॉविंस कुमार झारखंड के गुमला जिला में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे।

पिछले साल इसी ड्यूटी के दौरान वे जंगल में नक्सलियों के ठिकाने की तलाशी के लिए गए थे। इसी तलाशी अभियान के दौरान उनका एक पांव नक्सली के द्वारा बिछाए गए विस्फोटक पर पड़ गया। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। महीनों इलाज चलने के बाद वे ठीक हो गए, परंतु दुर्भाग्य से उनके दोनों पैर काटने पड़े ।इस प्रकार से वे अपना दोनों पैर स्थाई रूप से गंवा दिए । रांची के अस्पताल से ठीक होकर जब वे अपने गांव रतनमन बभनगामा आए तो लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया ।

गांववासियों ने किया सम्मान लोगों ने मिलकर बढ़ाया हौसला उनके परिवार में माता पिता और पत्नी के अलावे दो छोटे छोटे बच्चे हैं। उनसे मिलने और उनका हौसला बढाने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह , बेगूसराय के विधायक कुंदन कुमार , एमएलसी रजनीश कुमार इत्यादि अनेक जन प्रतिनिधि आए एवं अपने दोनों पांव गंवाने बाले वीर जवान के साथ साथ उनके माता पिता एवं परिवार के अन्य सदस्यों का भी हौसला बढ़ाया।

लगभग दो महीने का समय वीर जवान के द्वारा गांव में बिताने एवं उनके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ग्रामीण युवाओं के द्वारा शनिवार की शाम नवयुवक पुस्तकालय, बभनगामा के प्रांगण में एक उनके सम्मान में एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। इसमें जवान रॉविंस कुमार एवं उनके पिता अमर शंकर सिंह को सम्मानित किया गया। ग्रामीणों ने पुष्पमाला एवं अंग वस्त्र प्रदान करके वीर जवान का स्वागत किया और उनका हौसला बढ़ाया। इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता अवकाश प्राप्त शिक्षक राम नारायण सिंह शिक्षक के द्वारा किया गया।

इस आयोजन में ग्रामीण पवन कुमार, राम अधिक सिंह, सौदागर साह, राम रंजन सिंह इत्यादि के द्वारा वीर जवान के सम्मान में अपना विचार व्यक्त किया गया एवं सम्पूर्ण ग्रामीण समाज के द्वारा उनके सम्पूर्ण परिवार को हर प्रकार के सहयोग का वचन देकर उनका हौसला बढ़ाया गया।