CPI के कन्हैया अब कांग्रेस की हाथ से बजायेंगे बांसुरी ! जानिए खबर की सच्चाई और बेगूसराय कनेक्शन

न्यूज डेस्क : विगत कुछ दिनों से देश की राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चाएं हैं कि सीपीआई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कन्हैया कुमार कांग्रेस जॉइन करने वाले हैं। हलांकि यह खबर सियासी भवर में बीते कई हफ्तों से तैर रही है। परंतु , बीते कुछ घण्टे में मीडिया रिपोर्ट्स में यह दिखाया जाने लगा है कि कन्हैया कुमार व गुजरात के एक निर्दलीय विधायक 28 सितम्बर को कांग्रेस का हाथ थामेंगे। बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले राजनीतिक रणनीतिककार प्रशांत किशोर के साथ कन्हैया कुमार ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी से मुलाकात भी किया था । तभी से कन्हैया कुमार के कांग्रेस जॉइन करने की अटकलें तेज हो गयी थी, फिर इस खबर की खंडन भी की गई । लेकिन अब सियासी हलकों में यह तय माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल हो जाएंगे ।

बेगूसराय में सीपीआई के नेताओं ने किया खण्डन बताते चलें कि कन्हैया कुमार बीते साल 2019 में बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं। हलांकि इस चुनाव में उन्हें बीजेपी के गिरिराज सिंह ने करीब साढ़े चार लाख मतों से शिकस्त दिया था । तब कहा जा रहा था कि बेगूसराय के लोकल वामपन्थियों का एक बड़ा कुनबा कन्हैया के साथ नहीं था । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कन्हैया कुमार के कांग्रेस में जाने की बात पर बखरी विधायक सूर्यकांत पासवान , पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह , पूर्व विधायक अवधेश राय सभी नेताओं ने कन्हैया कुमार के कांग्रेस में जाने की बात का खंडन किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि हमारे पार्टी के महासचिव डी राजा ने भी इस बात का खंडन किया है। मतलब साफ है कि पार्टी के सभी का कार्यकर्ताओं में महासचिव की बात सर्वमान्य होती है।

पूर्व विधायक ने कहा – कन्हैया को पार्टी में मिला सम्मान बछवाड़ा के पूर्व विधायक अवधेश राय ने मीडिया में कहा कि कन्हैया कुमार शुरू से ही पार्टी के विचारधारा से जुड़े हुए है। पार्टी ने भी उन्हें कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर तथा बेगूसराय से सांसद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ाकर काफी कुछ दिया । पार्टी में उनको बहुत सम्मान मिला ।

बिहार में कांग्रेस की कमान अपने हाथ लेने की है तमन्ना कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि कन्हैया कुमार जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे । दूसरी तरफ कन्हैया कुमार से जुड़े नजदीकी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में जाने की खबर गलत तो नहीं है। पर अभी तक बात भी नहीं बनी है। कन्हैया कुमार उसी परिस्थिति में कांग्रेस में जाएंगे जब बिहार के भीतर उनको खुले हाथ से काम करने का पॉवर मिलेगा । द बेगूसराय ने कन्हैया कुमार के कांग्रेस में जाने की खबर की हकीकत जानने की कोशिश की । तो कई चौकाने वाले फैक्ट्स मिले । जिससे यह तय हो गया कि आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर कन्हैया कुमार नेता विहीन विपक्ष के लिए संजीवनी बूटी देने का काम करेंगे ।

तीन फैक्ट्स से समझिए कन्हैया कुमार की रणनीति और राजनीतिक कद

फैक्ट …. 1 : पहली पराव में बात में दम दिखा दरअसल बेगूसराय जिले सहित बिहार भर में सीपीआई के बड़े कार्यक्रमों में अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवाने वाले कन्हैया कुमार बेगूसराय पार्टी के द्वारा पूर्व से तय कार्यक्रमों में अपनी उपस्तिथि नहीं दिए । गौरतलब हो कि उक्त दो कार्यक्रम में कन्हैया कुमार के शामिल होने की बात पार्टी के द्वारा आधिकारिक स्तर से घोषित थी ।

फैक्ट …. 2 : कोरोनाकाल के दूसरे फेज में व कुछ हफ्ते पहले तक जब बेगूसराय का एक बड़ा भूभाग बाढ़ से पर प्रभावित था , तब जिले में कन्हैया कुमार से जुड़े हुए युवकों की टोली जो सेवा व राहत कार्य में जुटी हुई थी , वह सीपीआई के पार्टी के बैनर झंडे से अलग टीम कन्हैया के नाम से बने बैनर लेकर लोगों के बीच पहुंच रही थी ।

फैक्ट …. 3 : जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार जब कैम्पस की राजनीति से निकलकर मेन स्ट्रीम की राजनीति में कदम रखने लगे तब जिले के कई लोगों को लगा कि अब उनका कैरियर पार्टी में यही थम गया । इसके बाद लोस चुनाव 2019 और विस चुनाव 2020 बीत गया । जानकार बताते हैं कि बेगूसराय में 21 वीं सदी में कम्युनिस्ट पार्टी के लिए बंजर हुई जमीन कन्हैया के आने बाद उपजाऊ होने लगी थी । जिसके फलस्वरूप 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में जिले के सात सीटों पर चार वामदलों के खाते में गयी । वैसे में चौकाने वाली बात यह थी कि कांग्रेस पार्टी की सिटिंग सीट बछवाड़ा सीट भी सीपीआई को मिली थी । मतलब साफ था कि हाई लेवेल पॉलिटिक्स के कारण बिहार कांग्रेस को अपनी सिटिंग सीट गठबंधन के भेंट चढ़ानी परी थी ।