बिहार में कोरोना सामुदायिक संक्रमण का रूप ले सकती है,स्वास्थ्य विभाग ने जताई आशंका

डेस्क : बिहार में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैलता जा रहा है वाकई में चिंता का विषय बना हुआ है। अगर इसी तरह से यह कोरोना बढ़ता गया तो धीरे-धीरे सामुदायिक संक्रमण का रूप ले सकता है। लोगों की लापरवाही इसका एक मुख्य कारण है अगर लोग इसी तरह से लापरवाही बरते तो अगले 20 से 25 दिनों में राज्य में कोरोना सामुदायिक संक्रमण का रूप ले सकता है क्योंकि सिर्फ पटना में 50 से अधिक संक्रमित मामले मिले हैं जिनकी ट्रैवल्स हिस्ट्री नहीं है। यह खतरे की ओर इशारा करता है।

राज्य में कोरोना वायरस के डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग ने इसे भी लेकर काफी चिंता प्रकट की है कोरोना वायरस पर विभाग और डॉक्टर की बैठक मध्य जुलाई से राज्य में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण की आशंका भी जताई गई है। कोरोना नोडल पदाधिकारी ने कहा है कि मरीज बिना यात्रा और बिना लक्षण वाले मिल रहा है, पिछले 1 सप्ताह में राज्य में 800 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

पटना जिले में 520 सैंपल का लक्ष्य सैंपल बढ़ने से ज्यादा संक्रमित मरीज आ रहे हैं इसके लिए विभाग ने ज्यादा संक्रमितों की पहचान के लिए सभी सिविल सर्जन को 520 सैंपल का टारगेट दिया है। पटना जिले में 520 सैंपल का लक्ष्य रखा गया है इसके लिए हाट बाजार आदि से रेंडम सैंपल ले रही है। हर रोज 15 से 20 कैसे मिल रहे हैं जो चिंता का विषय बना हुआ है और इन लोगों की तो नाही ट्रेवल हिस्ट्री है और ना ही यह किसी के संपर्क में आ रहे हैं बस लापरवाही इनका मुख्य कारण है। रेडम सिंपल की रिपोर्ट 2 से 3 दिनों में आती है इनमें कोई पॉजिटिव मिल जाता है तो उसे ढूंढने में मशक्कत करनी पड़ रही है। क्वारंटाइन सेंटर बंद होने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ने लगा है ये बाते सिविल सर्जन दफ्तर के वरीय अधिकारी ने बताया।