बेगूसराय: मंझौल इलाज के दौरान महिला की हुई मौत, परिजनों ने किया जमकर हंगामा

मंझौल: सोमवार की देर संध्या मंझौल बखरी पथ पर पुराने ओपी स्थल के बगल में महिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ आरती के द्वारा इलाज के क्रम में मरीज़ की मौत हो गई.जिसके बाद उपस्थित परिजनों एवं ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया.इस दौरान परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.जानकारी अनुसार उक्त अस्पताल में छौड़ाही प्रखंड के नारायणपीपर पंचायत के पंसल्ला गांव निवासी स्वर्गीय बंदन सहनी के 65 वर्षीय पत्नी कारी देवी की मौत हुई है.इस संबंध में मृतिका के पुत्र गुड्डू सहनी ने बताया बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने के लिए आए थे.चिकित्सक के द्वारा लगभग ढाई बजे मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ले गए.

जबकि लगभग चार बजे ऑपरेशन थियेटर से निकाला गया.परंतु मरीज़ की स्थिति ठीक नहीं रहने के बावजूद चिकित्सक मरीज़ को कंपाउंडर के भरोसे छोड़कर अपने दूसरे क्लिनिक बेगूसराय के लिए निकल गई.इस दौरान धीरे धीरे मरीज़ की स्थिति में सुधार होने के बजाय बिगड़ती ही चली गई.कंपाउंडर पर दवाब बनाने के बाद विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिकित्सक से बातचीत किया गया.बातचीत के दौरान चिकित्सक द्वारा उक्त मरीज़ को बेगूसराय पहुंचाने की बात कही गई.तत्पश्चात कंपाउंडर के निगरानी में मरीज़ को बेगूसराय ले जाया गया.परंतु मरीज़ बेगूसराय पहुंचते पहुंचते ही दम तोड़ दिया.तत्पश्चात परिजनों के द्वारा मृतिका को मंझौल क्लिनिक पर लाकर हंगामा शुरू कर दिया गया.जो रात के लगभग 9 बजे से दिन के 12 बजे तक जारी रहा.

अस्पताल छोड़कर चिकित्सक फरार,क्लिनिक में फंसे रहे कई मरीज़

परिजनों एवं ग्रामीणों के हंगामा को देखते हुए अस्पताल से चिकित्सक एवं कंपाउंडर ताला लगाकर फरार हो गए.जबकि इस दौरान कई मरीजों के अस्पताल में फंसे होने की चर्चा होती रही.हंगामे की सूचना पर मंझौल ओपी अध्यक्ष सुबोध कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे.इस दौरान प्रशासन द्वारा चिकित्सक से संपर्क साधने का प्रयास जारी रहा.परंतु चिकित्सक से कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाने के कारण देर रात पुलिस प्रशासन भी वहां से निकल गई.जबकि समाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साथ मंझौल पंचायत दो के मुखिया विकेश कुमार उर्फ ढुनमुन सिंह आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने के प्रयास में जुटे रहे.लेकिन परिजनों चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग को लेकर अडिग रहे.सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस दौरान रात के अंधेरे में अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अस्पताल में फंसे मरीजों को पिछले दरवाजे से निकाल दिया गया.जबकि एक ऑपरेशन की मरीज़ अस्पताल में ही फंसी रही.

सुबह होते ही पुनः जुटने लगी लोगों की भीड़

अस्पताल के बाहर सीढ़ी पर परीजन रात भर मृतिका के शव को लेकर बैठे रहे.सुबह होते ही पुनः लोगों की भीड़ जमा होने लगी.इस दौरान एक चेरियाबरियारपुर के मरीज़ का अस्पताल में फंसे होने की बात को लेकर अफ़रा-तफ़री मची रही.वहीं सुचना पर बीडीओ कर्पुरी ठाकुर,सीओ राजीव रंजन चक्रवर्ती, सर्किल इंस्पेक्टर विभा कुमारी,ओपीध्यक्ष सुबोध कुमार, पूर्व मुखिया अरूण सिंह,निरंजन सिंह सहित अन्य दर्जनों समाजिक कार्यकर्ता पहुंचे.तथा वस्तुस्थिति का जायजा लिया.इस दौरान मंझौल रेफ़रल अस्पताल से एम्बुलेंस मंगाकर फंसे मरीज़ को बाहर भेजा गया.तथा परिजनों एवं अस्पताल प्रबंधन से बातचीत मामले में समझौता कराया गया.सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अस्पताल प्रबंधन के द्वारा परिजनों को 75 हजार रुपए नगद भुगतान किया गया.तत्पश्चात परिजन शांत हुए.तथा मृतिका के शव को उठाकर अंतिम संस्कार के लिए निकल गए.इस प्रकार अस्पताल के आगे लगभग 15 घंटे तक चले ड्रामेबाजी के बाद समाजिक कार्यकर्ताओं के पहल पर मामले का निष्पादन हो गया.