बेगूसराय : एक अनोखी शादी, दूल्हा-दुल्हन की हो रही है ख़ूब चर्चा, जानिए..

बेगूसराय में एक अनोखी शादी हुई है जिसकी चर्चा आजकल खूब जोरों शोरों पर है। दरअसल बेगूसराय के बलिया प्रखंड में एक अनोखी शादी देखने को मिली. जिसकी सभी सराहना भी कर रहे हैं. शादी के लिए दूल्हा-दुल्हन ने किसी मंडप में नहीं बल्कि पार्क में शादी रचाई।

किसी भी धर्म में वैवाहिक शादी का कार्यक्रम उनके धर्म से संबंधित उनके पवित्र स्थान पर होता है जैसे मंदिर या घरों में पूरे विधि-विधान के साथ होता है लेकिन यह अनोखी शादी बेगूसराय के बलिया अनुमंडल क्षेत्र में संपन्न हुई,जहां आम लोगों के लिए यह चर्चा का विषय बन रही है, इस शादी में ना ही स्टेज मंडप था, ना ही शादी की कोई पार्टी या किसी भी तरह का कोई भोज का आयोजन था, ना ही शादी में किसी तरह का कोई खर्चा किया गया था, इस अनोखी शादी को जिसने भी देखा सब ने खूब सराहना किया।

पार्क में शादी की तैयारी : पार्क में शादी के लिए 1 जोड़ी ने किसी मंदिर या अन्य पारंपरिक रीति-रिवाजों के जरिए शादी रचाने के बजाय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को साक्षी मानकर प्रतिमा के समक्ष एक दूसरे को माला पहनाकर जीने-मरने की कसमें खाई, और फिर माला पहनाने के बाद एक-दूसरे का मुंह मीठा किया। यह शादी गुरुवार को संपन्न हुई, इस वैवाहिक कार्यक्रम में खगरिया जिला के मच्छरहा निवासी ललन दास के पुत्र अमित दास की शादी बलिया प्रखंड क्षेत्र के भगतपुर निवासी प्रकाश दास की पुत्री कल्याणी कुमारी के साथ तय हुई थी

निर्धारित तिथि पर जब बारात बलिया आई तब रविदास संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं की टोली भी वहां पहुंची और दोनों पक्षों को इस बात के लिए राजी किया गया कि वह धार्मिक परंपरा से अलग हटकर शादी करेंगे, जिसके बाद वर-वधू और दोनों तरफ से बाराती बलिया के अंबेडकर पार्क स्थित अंबेडकर की प्रतिमा के पास पहुंची और उनकी प्रतिमा को साक्षी मानकर उनके सात फेरे लिया, ऐसा पहली बार देखने को मिला जहां महापुरुषों की प्रतिमा को साक्षी मानकर वर-वधू दोनों ने शादी रचा ली और सात जन्मो तक एक दूसरे का साथ ना छोड़ने की कसम भी खाई, वहां उपस्थित लोगों ने वर-वधू को शुभ आशीर्वाद और मंगल दांपत्य जीवन जीने की कामना दी।