दिल्ली के बाद अब बिहार में प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज

डेस्क : बिहार में कोरोना के मामलो से प्रशासासन चिंता में है। शनिवार को 38 और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले चुके हैं। अब पूरे राज्य में 251 लोगो को कोरोना हो चुका है। अब कोरोना के मरीजों के लिए प्लास्मा थेरेपी का इंतजाम करने का विचार करा जा रहा है। यह जानकारी बिहार के प्रधान स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने दी है की पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी की योजना बनाई जा रही है। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसके ट्रायल के बारे में जानकारी दी है। उनका कहना है की लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल करा जा चुका है। पिछले ही हफ्ते केंद्र सरकार द्वारा इसकी इजाजत मिल चुकी है।

चलिए जानते हैं क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी : इस प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके लोगो के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों को चढ़ाया जाता है। ऐसा इसलिए करा जाता है की संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है। इसके 3 हफ्ते बाद फिर उसे प्लाज्मा के रूप में किसी भी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे। एक बार में सिर्फ एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से तकरीबन 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है। इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जायेगा।

प्लास्मा थेरेपी की तरफ डॉक्टर इसलिए रुख करेंगे क्यूंकि इस थेरेपी से काफी जल्दी बड़ा लोगो का समूह कम समय में ठीक हो सकता है। बिहार में 45 कोरोना मरीजों ने इस जानलेवा बीमारी को मात देकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करी है। फिलहाल 178 केस बिहार में एक्टिव हैं और आंकड़ों के मुताबिक़ 225 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं।