क्यों होते हैं ज्यादातर रोड एक्सीडेंट? Nitin Gadkari ने बताई पूरी बात….

Poor Road Engineering : केंद्रीय सड़क मंत्री एक बार नहीं कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि, हर साल भारत में 5 लाख से अधिक रोड एक्सीडेंट होते हैं. उनमें से किसी कारण बस गरीब 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान जाती है और 3 लाख से अधिक लोग घायल अवस्था में अस्पतालों में पड़े रहते हैं.

वहीं उन्होंने कहा कि भारत में सालाना 5 लाख से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं. जिसके बाद 3 लाख से अधिक लोगों को अस्पताल में देखा जाता है और एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. जिसका बुरा प्रभाव भारत की जीडीपी पर पड़ता है.

उन्होंने आगे कहा कि हर समय सड़क दुर्घटना में बाली के बकरे की तरह वाहन चालक को ही दूसरी बना दिया जाता है मैं आपको बता देता हूं कि, अक्सर दुर्घटना सड़क की गलत इंजीनियरिंग की वजह से ही होती है. उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण करते समय कुछ ऐसी बातें होती है जो इंजीनियर ध्यान में रहे रखते हैं और वही बातें दुर्घटना को रोकने में मदद करती हैं.

मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि, मैं भी एक दुर्घटना का शिकार हो चुका हूं और मेरी 4 हड्डियां भी जा चुकी है कई लोगों मार रहे हैं. हम दुर्घटना में होने वाली म्यूट में 60% मौत 18 से 34 साल की युवाओं की देखी जा रही है. उनमें से कई इंजीनियर और डॉक्टर भी शामिल रहते हैं क्या यह देश के लिए अच्छी बात है?

क्या है ये रोड इंजीनियरिंग?

गौरतलब है कि, रोड इंजीनियरिंग में रोड की डिजाइन को लेकर उसकी क्वालिटी और रखरखाव जैसी चीजों को देखा जाता है अच्छी रोड इंजीनियरिंग सुनिश्चित करती है. कि सड़क टिकाऊ है लोग बिंदास सड़कों पर चल सकते हैं.

दुर्घटना का शिकार नहीं हो सकते हैं उनकी सेफ्टी को लेकर काम किया जाता है. इसके साथ ही अच्छी सड़कों से यात्रा करते समय कम लागत में अधिक से अधिक दूरी भी तय की जा सकती है. इतना ही नहीं सबसे बड़ी बात सड़कों को ज्यादा टिकाऊ बनाने का प्रयास किया जाता है जिसमें कम खर्च के साथ अधिक रखा शामिल होता है.