2nd हैंड गाड़ियों के बारे में जानें ये काम की बात, फिर नहीं करेगा नई गाड़ी लेने का मन

इस समय देश में सेकेंड हैंड (Second Hand Cars) गाड़ियों की भी डिमांड काफी है और मार्केट भी बड़ा हो रहा है। जितना क्रेज नई गाड़ियों को लेकर होता है कुछ उतना ही 2nd हैंड गाड़ियों को लेकर भी मार्केट एक्टिव रहता है। वैसे तो लोगों के पास पुरानी गाड़ी खरीदने के कई वजह हो सकती है।

कहीं बजट के कारण तो कही लोग फायदा समझ कर 2nd हैंड गाड़ियों में निवेश करते हैं। एक्सपर्ट की माने तो नई कार के मुकाबले थोड़ा चली हुई कार खरीदने में फायदे भी हैं। तो अपनी इस रिपोर्ट में आपको 3 फायदों के बारे में बताएंगे जिसके बाद आप नई गाड़ी की जगह थोड़ा-बहुत चली हुई गाड़ी खरीदना ज्यादा बेहतर समझें।

कीमत में बड़ा अंतर माना जाता है कि जैसे ही गाड़ी शोरूम से उतरती है उसकी कीमत घट जाती है। जोकि काफी हद तक सच है। नई कार के मुकाबले पुरानी कार लेने में सबसे बड़ा अंतर होता है कीमत का। जैसे की यदि नई गाड़ी 19 लाख की है और कुछ हजार किलोमीटर तक इसका इस्तेमाल किया गया हो। तो इसे बेचते समय करीब 2 लाख तक कम हो सकता है।

वेटिंग पीरियड की समस्या नहीं आजकल ऑटोमोबाइल मार्केट में ज्यादातर गाड़ियों पर लंबे वेटिंग पीरियड की समस्या रहती है। पर यदि आप कुछ दूरी सफर की हुई गाड़ी लेते हैं तो ये समस्या आपके लिए नहीं है। जैसे की आपने नई महिंद्रा XUV700 खरीदने की सोची तो मालूम हो इस गाड़ी पर इस समय 1.5 से 2 साल तक का वेटिंग पीरियड चल रहा है। पर आज की तारीख में आप चाहें तो इसे सेकेंड हैंड मार्केट में खरीदें और आपको वेट नहीं करना होगा।

कम इंश्योरेंस व रजिस्ट्रेशन चार्ज बता दें इंश्योरेंस की फीस कार की उम्र के साथ घटती जाती है। यानी जितनी पुरानी गाड़ी उतना कम इंश्योरेंस फीस। गाड़ी जितनी नई होगी, इंश्योरेंस फीस उतनी ही ज्यादा होगी। और तो और नई गाड़ी के लिए बीमा के अलावा, रजिस्ट्रेशन चार्ज में भी कम राशि का भुगतान करना होगा। बता दें रजिस्ट्रेशन चार्ज कार की वर्तमान कीमत पर निर्भर करता है, ऐसे में नई के मुकाबले पुरानी कार के लिए कम रजिस्ट्रेशन चार्ज देना होगा।