लेडी सिंघम की कहानी..जिसे मनचलों ने छेड़ा तो बदल दी जिंदगी, फिर बनी IPS अफसर, आज कांपते हैं अपराधी

डेस्क : एक ऐसी महिला जिसने झेड़कानी से परेशान होकर IPS बनने का फ़ैसला लिया। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की रहने वाली श्रेष्ठ ठाकुर Shrestha Thakur की पहचान आज एक दमदार अफसर के तौर पर होती है। वह जहां भी जाती है, अपराधी उसके नाम से कांपते हैं।

श्रेष्ठ ठाकुर हमेशा महिलाओं की सुरक्षा के लिए चिंतित रहती हैं और लड़कियों को कानूनी रूप से मजबूत भी बनाना चाहती हैं। इसके अलावा वह लड़कियों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हे ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी देती हैं। श्रेष्ठ ठाकुर का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ था। उनके पिता एसबी सिंह भदौरिया एक सामान्य व्यवसायी हैं और उनके 2 बड़े भाई भी हैं।

उनकी सफलता के पीछे उनके सबसे बड़े भाई मनीष प्रताप का बड़ा योगदान है, जिन्होंने पीपीएस जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी में उनका काफी मनोबल बढ़ाया। श्रेष्ठ ठाकुर ने स्नातक तक कानपुर से पढ़ाई की। वह बताती है कि जब वह ग्रेजुएशन में थी तो आसपास के लोग बात करते थे और ताना मारते थे कि बेटी बड़ी हो गई है, उसे अब अकेले घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। हालांकि, इन सबके बावजूद उनके भाई ने सब दरकिनार कर और उन्हें पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। श्रेष्ठ ठाकुर के पुलिस अफसर बनने के पीछे एक बड़ी कहानी है।

जब वह कानपुर में पढ़ रही थीं तो दो बार बदमाशों ने उनके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में पुलिस ने वैसा नहीं किया जैसा उसे करना चाहिए था। इसके बाद श्रेष्ठ के जीवन में यू-टर्न आया और उनके मन में पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा पैदा हुई। वर्ष 2012 में अपनी इच्छा को साकार करते हुए उन्होंने पीपीएस क्वालिफाई किया और पुलिस अधिकारी बनने में सफल रहीं। श्रेष्ठ ठाकुर बताती हैं कि एक बार जब वह कॉलेज जा रही थीं, तो उन्होंने देखा कि सड़क किनारे एक 9 साल का लड़का भीख मांग रहा है और मैने उसे सारा टिफिन खाने को दिया। तब से वह ऐसे बच्चों की मदद अवश्य करती हैं, जो लाचार और जरूरतमंद हैं।